Political – क्या हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगे अरविंद केजरीवाल, 5 पॉइंट्स में पूरी तस्वीर- #INA
कैसे हरियाणा में कांग्रेस का खेल बिगाड़ेंगे केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम राहत मिलने के बाद भले ही आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर है, लेकिन कहा जा रहा है इसका पहला सियासी असर कांग्रेस पर पड़ सकता है. इसकी वजह हरियाणा विधानसभा चुनाव की टाइमिंग है. 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में 5 अक्टूबर को विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है. यहां पर आप सभी सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ रही है.
सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल की जमानत हरियाणा आप के लिए बूस्टर डोज माना जा रहा है. हाल ही में आप ने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने पर ओल्ड ग्रैंड पार्टी को चेतावनी दी थी. आप का कहना था कि हरियाणा में उसे कोई हल्के में नहीं ले सकता है.
ऐसे में केजरावल के जेल से बाहर आने के बाद कहा जा रहा है कि वे कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. हालांकि, आप अभी कांग्रेस के खिलाफ कुछ भी बोलने से परहेज कर रही है.
आप से कांग्रेस को खतरा क्यों, 3 पॉइंट्स
1. 1990 के बाद हरियाणा की राजनीति में तीन दलों का प्रभाव रहा है. बीजेपी और कांग्रेस के अलावा लोकदल मुख्य भूमिका में रही है. वर्तमान में लोकदल और उससे निकली पार्टियां अप्रभावी भूमिका में है. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस बार त्रिकोणीय की बजाय बीजेपी से सीधा मुकाबला होगा, लेकिन हरियाणा में पहले आप के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा और अब अरविंद केजरीवाल के जमानत पर बाहर आने से इस पर पानी फिरता दिख रहा है.
2. हरियाणा में पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार है. सरकार के खिलाफ जो एंटी इनकंबैंसी का वोट है, उसका फायदा हमेशा विपक्ष को मिलता है. कांग्रेस वहां अभी विपक्ष की भूमिका में है, लेकिन अब अरविंद केजरीवाल के आने से आप भी मजबूती से दावेदारी पेश करेगी. ऐसे में एंटी इनकंबैंसी का वोट बंट सकता है. 2019 में एंटी इनकंबैंसी वाला वोट कांग्रेस और जेजेपी में बंट गया था, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को हुआ.
3. लोकसभा के हालिया चुनाव में कांग्रेस और आप मिलकर मैदान में उतरी थी. कांग्रेस को 43.67 प्रतिशत वोट और 5 सीटों पर जीत मिली थी. इसी तरह बीजेपी को 46.11 प्रतिशत वोट और 5 सीटों पर जीत मिली थी. आप को सीट तो नहीं मिली लेकिन उसे करीब 4 प्रतिशत वोट मिले थे. विधानसभा वाइज सीटों की बात की जाए तो आप को 4 सीटों पर बढ़त मिली थी. कांग्रेस को 42 और बीजेपी को 44 सीटों पर बढ़त मिली थी. 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है.
ये 2 रणनीति भी कांग्रेस का बिगाड़ सकती है खेल
1. सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही आप- हरियाणा में आम आदमी पार्टी पूरे 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है. आप पहले सिर्फ 50 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही थी, लेकिन कांग्रेस से बात बिगड़ने के बाद पार्टी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए.
आप ने टिकट वितरण में बागी नेताओं का भी खास ख्याल रखा है. पार्टी ने कांग्रेस के 3 और बीजेपी के 5 बागियों को टिकट देकर मैदान में उतारा है. आप ने कांग्रेस के जिन बागियों को टिकट दिया है, उनमें पटौदी से कांग्रेस प्रदीप जाटौली, रादौड़ से भीम सिंह राठी और जगधारी से आदर्श पाल गुर्जर का नाम शामिल हैं.
इसी तरह आप ने बीजेपी के बागी सतीश यादव को रेवाड़ी से, सुनील राव को अटेली से, छत्रपाल सिंह को बरवाला से, कृष्णा बजाज को थानेसर से और जवाहर लाल को बावल से उम्मीदवार बनाया है.
2. हरियाणा के लाल के नाम पर कैंपेन शुरू- आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल को हरियाणा का लाल बताकर कैंपेन शुरू कर दी है. केजरीवाल को जमानत मिलते ही आप के सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्टर शेयर किया है. पोस्टर में हरियाणा के लाल को मिली जमानत के साथ अरविंद केजरीवाल की तस्वीर शेयर की गई है.
आम आदमी पार्टी डोर-टू-डोट कैंपेन के जरिए लगातार हरियाणा में अरविंद केजरीवाल को वहां का बेटा बताने में जुटी है. पार्टी लोगों को यह बता रही है कि अगर आपका बेटा दिल्ली का विकास कर सकता है तो आपका क्यों नहीं?
केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद आप के इस नैरेटिव को और ज्यादा बल मिल सकता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा के भिवानी जिले के सिवानी के मूल निवासी हैं.
कांग्रेस ने स्वागत किया, आप ने धन्यवाद दिया
अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने का कांग्रेस ने स्वागत किया है. राज्यसभा में पार्टी के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि यह फैसला केंद्र सरकार पर तमाचा है. केंद्र सरकार फैसले से सीख ले और केंद्र के नेताओं को प्रताड़ित करना बंद करे. आप ने केजरीवाल की जमानत का स्वागत किया है.
दूसरी तरफ आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने के लिए इंडिया गठबंधन के सभी दलों का धन्यवाद ज्ञापित किया है. उन्होंने कहा है कि मुश्किल वक्त में सब साथ थे, इसलिए धन्यवाद देना चाहता हूं.
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