Sports – How Did Navratri Start: नवरात्रि की शुरुआत कैसे हुई थी? जानें इसका इतिहास और धार्मिक महत्व #INA
How Did Navratri Start: नवरात्रि मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के रूप में मनाया जाता है. यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि. नवरात्रि की शुरुआत को लेकर कई पौराणिक कथाएं और धार्मिक ग्रंथों में लिखा गया है जो इस पर्व के महत्व के बारे में जानने में मदद करते हैं. नवरात्रि की शुरुआत को समझने के लिए हमें पौराणिक कथाओं और देवी दुर्गा की आराधना की पृष्ठभूमि को जानना जरूरी है. तो आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म के लोग नवरात्रि क्यों मनाते हैं और इसकी शुरुआज कैसे हुई.
महिषासुर का वध (Mahishasura Ka Vadh)
नवरात्रि की शुरुआत का सबसे प्रचलित कथा देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुए युद्ध से जुड़ी है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर एक राक्षस था जिसे भगवान ब्रह्मा से वरदान प्राप्त था कि कोई भी देवता या पुरुष उसे पराजित नहीं कर सकता. इस वरदान के बाद महिषासुर ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया और पृथ्वी, स्वर्ग और पाताल लोक में अत्याचार फैलाने लगा. उसने देवताओं को पराजित कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया और देवताओं को वहां से निष्कासित कर दिया.
देवताओं ने महिषासुर के आतंक से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा से सहायता मांगी. देवताओं की प्रार्थना पर तीनों महाशक्तियों ने अपनी-अपनी शक्तियों का संचार करके एक देवी का सृजन किया जिसे देवी दुर्गा कहा गया. देवी दुर्गा महिषासुर का वध करने के लिए उत्पन्न हुई थीं. उन्हें हर देवता ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र दिए और अंततः देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया. यह युद्ध नौ दिनों तक चला और दसवें दिन देवी ने महिषासुर का अंत कर दिया. इस विजय को महिषासुर मर्दिनी के रूप में जाना जाता है और इसी वजह से नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.
राम और रावण की कथा (The story of Ram and Ravana)
नवरात्रि की शुरुआत से जुड़ी एक और महत्वपूर्ण कथा रामायण से भी संबंधित है. इस कथा के अनुसार भगवान राम ने लंका के राजा रावण से युद्ध के पहले मां दुर्गा की पूजा की थी. भगवान राम ने नौ दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना की और दसवें दिन रावण का वध किया. इसलिए इस दिन को दशहरा के रूप में भी मनाया जाता है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है.
मां दुर्गा के नौ रूप (Nine forms of Maa Durga)
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के रूप में मनाया जाता है. मां के नौ रूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. हर दिन एक अलग रूप की आराधना की जाती है और भक्तों का मानना है कि मां दुर्गा इन दिनों में अपनी कृपा से उनके जीवन से सभी बाधाओं को दूर करती हैं.
नवरात्रि का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व (Religious and Cultural Significance of Navratri)
नवरात्रि सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसका सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है. यह त्योहार भारत के कई हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. गुजरात में गरबा और डांडिया का आयोजन किया जाता है तो बंगाल में दुर्गा पूजा के रूप में इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इसके अलावा उत्तर भारत में रामलीला का आयोजन होता है, जो भगवान राम की कथा का मंचन करता है. नवरात्रि की शुरुआत देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय और राम की रावण पर विजय से जुड़ी हुई है. यह त्योहार न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि समाज में अच्छाई और सत्य की जीत का भी संदेश देता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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