दुनियां – अमेरिका में ट्रंप ने जिसे FBI डायरेक्टर के लिए चुना उस पर ईरानी हैकर्स की है नजर – #INA
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतवंशी काश पटेल को हाल ही में FBI डायरेक्टर कै तौर पर चुना है. लेकिन उनके पद संभालने से पहले की एक बड़ी जानकारी सामने आई है, CNN ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार बताया है कि, काश पटेल ईरानी हैकर्स का टारगेट थे.
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई सूत्रों ने कहा कि FBI ने काश पटेल और डोनाल्ड ट्रंप की टीम को साइबर हमले के बारे में जानकारी दे दी है, हालांकि ट्रंप की ट्रांजिशन टीम ने सीधे तौर पर इस घटना की पुष्टि नहीं की है. यह घटना ट्रंप के करीबी लोगों को निशाना बनाकर की जा रही विदेशी हैकिंग की कोशिशों के बीच हुई है.
ईरानी हैकर्स ने काश पटेल को किया टारगेट!
सूत्रों के अनुसार, हैकर्स ने काश पटेल के कुछ कम्युनिकेशंस तक पहुंच बनाई. वहीं ट्रंप की ट्रांजिशन टीम के प्रवक्ता एलेक्स फिफर ने हैंकिंग की पुष्टि किए बिना कहा कि, ‘काश पटेल ईरानी शासन के खिलाफ ट्रंप के पहले प्रशासन की नीतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे और FBI निदेशक के तौर पर वह अमेरिका को विरोधियों से बचाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों को लागू करेंगे.
ईरान-चीन के टारगेट पर ट्रंप की टीम!
ईरान कई सालों से ट्रंप के पहले प्रशासन के सदस्यों को निशाना बना रहा है और हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनावी अभियान से जुड़े व्यक्तियों के साथ ट्रंप के राष्ट्रपति अभियान से चुराई गई जानकारी साझा की है. जांचकर्ताओं के अनुसार, जून में ईरानी हैकर्स ने ट्रंप के सहयोगी रोजर स्टोन के ईमेल अकाउंट्स तक पहुंच बनाई और इसका इस्तेमाल ट्रंप के चुनावी अभियान के एक वरिष्ठ अधिकारी के ईमेल को हैक करने की कोशिश में किया गया था. हालांकि ईरानी सरकार ने राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के आरोपों से इनकार कर दिया था.
यही नहीं सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने FBI ने ट्रंप के मुख्य वकील और डिप्टी अटॉर्नी जनरल के लिए नॉमिनेटेड टॉड ब्लैंच को जानकारी दी थी कि चीनी हैकर्स ने उनके सेलफोन को टैप किया है. हालांकि चीन की सरकार ने इस पूरे मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
कौन हैं भारतवंशी काश पटेल?
भारतीय-अमेरिकी काश पटेल, डोनाल्ड ट्रंप के करीबियों में से एक हैं. ‘डीप स्टेट’ के कट्टर आलोचक पटेल ने लगातार FBI जैसी सरकारी एजेंसियों का विरोध किया है, क्योंकि उनका मानना है कि FBI जैसी एजेंसियां राष्ट्रपति के एजेंडे के खिलाफ काम करती हैं. पटेल ने FBI में महत्वपूर्ण बदलावों की वकालत करते रहे हैं, जिसमें इसकी खुफिया जानकारी जुटाने की भूमिका को खत्म करना और ऐसे कर्मचारियों को हटाना शामिल है जो ट्रंप की नीतियों के साथ तालमेल नहीं रखते.
पटेल के सबसे विवादास्पद प्रस्तावों में से एक FBI के मुख्यालय को वाशिंगटन डीसी से शिफ्ट करना है, ताकि इसके नेतृत्व पर राजनीतिक प्रभाव को कम किया जा सके और एजेंसी को राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए इस्तेमाल होने से रोका जा सके.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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