देश – क्यों NDA के फैसलों के खिलाफ जा रही जेडीयू, क्या फिर पलटी मारेंगे नीतीश? जानें क्या है पूरा मामला #INA
Ruckus in NDA over Jumma break: केंद्र की सत्ताधारी और बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा? ये ऐसा सवाल है जो बार-बार सामने आ जाता है. कभी महाराष्ट्र तो कभी बिहार में गठबंधन के नेता एनडीए के फैसलों के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो अंदरूनी मतभेद की खबरें आने लगती है. कभी चिराग पासवास के एनडीए से अलग रुख तो कभी नीतीश की पार्टी के नेताओं के बयान तो इसी ओर इशारा करते हैं कि एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं है. अब जेडीयू असम सरकार के विधानसभा में जुमा ब्रेक खत्म करने का विरोध कर रही है.
जानें क्या है पूरा मामला
दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने राज्य विधानसभा में जुमा की नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक की प्रथा को समाप्त करने का ऐलान किया, तो जेडीयू ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया. जेडीयू नेता नीरज कुमार ने असम सरकार के इस फैसला का विरोध करते हुए कहा कि किसी को भी धार्मिक आस्थाओं पर हमला करने का अधिकार नहीं है. इसी के साथ उन्होंने जुमा की नमाज के लिए दो घंटे के ब्रेक को समाप्त करने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.
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धार्मिक आस्थाओं पर हमला ठीक नहींः जेडीयू
जनता दल (यू) नेता नीरज कुमार ने असम सरकार के फैसले की आलोचना की. उन्होंने कहा कि किसी को भी धार्मिक आस्थाओं पर हमला करने का अधिकार नहीं है. नीरज कुमार ने कहा कि बेहतर होता अगर असम के सीएम लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने पर अधिक ध्यान देते. नीरज कुमार यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय देश के संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि हर धार्मिक आस्था को अपनी परंपराओं को संरक्षित करने का अधिकार है. इसी के साथ नीरज कुमार ने कहा कि, मैं सीएम सरमा से पूछना चाहता हूं कि आप रमजान के दौरान शुक्रवार की छुट्टियों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और दावा करते हैं कि इससे कार्य कुशलता बढ़ेगी.
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उन्होंने कहा कि हिंदू परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मां कामाख्या मंदिर है, क्या आप वहां बलि की प्रथा पर प्रतिबंध लगा सकते हैं? नीरज कुमार ने कहा कि बेहतर होता कि आप अपना ध्यान लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने और यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित करते कि असम को बाढ़ का सामना न करना पड़े.
चिराग पासवान भी कर चुके हैं विरोध
जेडीयू ही नहीं एलजेपी रामविलास के मुखिया चिराग पासवान भी बीजेपी के फैसलों का विरोध कर चुके हैं. चिराग पासवान ने जातीय जनगणना, लैटरल एंट्री से पोस्टिंग पर बीजेपी नेतृत्व से अलग रुख अपनाया. वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में अजित पवार की एनसीपी की भी नाराजगी देखने को मिली. तब एनसीपी ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से तानाजी सावंत पर एक्शन की मांग की थी.
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