देश- बिहार में अब एक क्लिक पर जमीन की रजिस्ट्री! ई-रजिस्ट्रेशन व्यवस्था लागू, जानें पूरी बात- #NA
बिहार में नीतीश सरकार आम लोगों की सुविधा के लिए ई-निबंधन (ई-रजिस्ट्रेशन) लागू कर रही है. इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी और उन्हें दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. यह सुविधा नए ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के जरिए मिलेगी. पहले चरण में इसे पांच निबंधन कार्यालयों, जिला निबंधन कार्यालय, जहानाबाद, अवर निबंधन कार्यालय, दानापुर, पटना सिटी, फतुहा और बिहटा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है.
दूसरे चरण में नौ सितंबर से यह 11 निबंधन कार्यालयों (जिला अवर निबंधक, अरवल तथा अवर निबंधन कार्यालय, बिक्रम, फुलवारीशरीफ, मसौढ़ी, संपतचक, बाढ़, रजौली, पातेपुर, कटरा, सोनपुर एवं पीरो) में लागू हो चुका है. निकट भविष्य में इसे शेष सभी निबंधन कार्यालयों में लागू किया जायेगा. इस सॉफ्टवेयर में आमजन को किसी भी समय घर बैठे ऑनलाईन निबंधन के आवेदन की सुविधा होगी. यह जानकारी मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने सोमवार को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में दी. इस मौके पर विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
E-KYC की व्यवस्था
विभागीय सचिव ने बताया कि आवेदक अपने आवेदन की स्थिति खुद पता कर सकेंगे. नए सॉफ्टवेयर में आमजन को भूमि की श्रेणी और उस पर देय शुल्क की जानकारी मिलेगी. इस सॉफ्टवेयर में पक्षकारों के लिये ई-केवाईसी (Aadhar Authentication) की व्यवस्था है. नए सॉफ्टवेयर को राजस्व और भूमि सुधार विभाग से सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया जाएगा. भूमि की खरीद बिक्री से संबंधित व्यक्ति को एक ही बार फोटो, फिंगर प्रिंट और एग्रिमेंट के लिए निबंधन कार्यालय आना होगा.
राजस्व संग्रह निर्धारित
सचिव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निबंधन विभाग का राजस्व लक्ष्य 7,500 करोड़ रुपए निर्धारित है. अगस्त, 2024 तक निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध 3,305.64 रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई है. यह निर्धारित राजस्व लक्ष्य का 44.08 प्रतिशत है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निबंधन विभाग का राजस्व लक्ष्य 7,000 करोड़ रुपए निर्धारित था. जिसके खिलाफ अगस्त, 2023 तक 2,869.98 लाख रुपए की प्राप्ति हुई थी. विगत वित्तीय वर्ष (अगस्त तक) की तुलना में राजस्व प्राप्ति में 15.18 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.
दस्तावेजों का डिजिटाईजेशन
1995 से अबतक तक दो करोड़ 34 लाख 62 हजार 435 दस्तावेजों का डिजिटाईजेशन किया जा चुका है. साल 1796 से 1995 तक की अवधि का लगभग पांच करोड़ 13 लाख 48 हजार 914 निबंधित दस्तावेज डिजिटाईजेशन के लिए लंबित है, जिसे शीघ्र डिजिटाईज्ड करा लिया जाएगा. आमजन की सुविधा के लिए सभी निबंधन कार्यालयों में हेल्प काउंटर स्थापित की गयी है. इस काउंटर के माध्यम से आमजन को निबंधन से संबंधित सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है. सभी निबंधन कार्यालयों में वातानुकूलित वेटिंग हॉल का निर्माण किया गया है, जिसमें पक्षकारों के बैठने की सुविधा है.
वेटिंग हॉल में शुद्ध पेय जल और महिलाओं-पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था है. बड़े निबंधन कार्यालयों में आमजन की सुविधा के लिए कैंटिन की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसका संचालन जीविका के माध्यम से किया जा रहा है. पुराने कार्यालय भवनों और अभिलेखागार का जीर्णोद्धार और नये कार्यालय भवनों का निर्माण किया जा रहा है.
ई-स्टाम्प की बिक्री
विभागीय सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी निबंधन कार्यालयों में ई-स्टाम्प की बिक्री को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से की जा रही है. साथ ही साथ आमजन की सुविधा के लिए फ्रैंकिंग मशीन के माध्यम से 1000 रुपए मूल्य तक के गैर न्यायिक स्टांप जारी और बिक्री सभी निबंधन कार्यालयों में की जा रही है. हाईकोर्ट और सभी व्यवहार न्यायालयों में भी ई-कोर्ट फीस की बिक्री एसीसी काउंटर द्वारा को-ऑपरेटिव बैंक के माध्यम से की जा रही है.
इसके अलावा हाईकोर्ट समेत 40 न्यायालयों में फ्रेंकिंग मशीन से भी ई-कोर्ट फीस की बिक्री की जा रही है. विभाग द्वारा निबंधन कार्यालयों में स्टांप वेंडिंग मशीन भी लगाये जाने पर विचार किया जा रहा है. इस कियोस्क मशीन के माध्यम से आमजन एटीएम की तरह खुद ई-स्टाम्प प्राप्त कर सकेंगे.
रिक्त पदों पर नियुक्ति
यह भी जानकारी दी गयी कि विभाग में स्वीकृत सभी पदों के खिलाफ रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए अधियाचना आयोग (Requisition Commission) को भेजी गई है. सब रजिस्ट्रार और जॉइंट सब रजिस्ट्रार के रिक्त 11 पदों की अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग, लोवर डिवीजन क्लर्क का रिक्त कुल 409 पदों एवं कार्यालय परिचारी के रिक्त 177 पदों की अधियाचना सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से बिहार कर्मचारी चयन आयोग को भेजी गयी है.
मद्य निषेध और उत्पाद को लेकर उन्होंने बताया कि शराबबंदी से संबंधित कुल 8,43,907 मुकदमे दर्ज (प्रोडक्ट चार्ज फाइल) किए गए हैं, जिसमें मद्यनिषेध विभाग (प्रोहिबिशन डिपार्टमेंट) ने 3,70,814 और पुलिस विभाग ने 4,73,093 मुकदमे दर्ज किए हैं. इसके अलावा 12,79,387 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें मद्यनिषेध विभाग ने 5,43,326 और पुलिस ने 7,36,061 लोगों की गिरफ्तारी की है.
कुल 1,49,68,664 बल्क लीटर देसी और 1,96,93,058 बल्क लीटर विदेशी शराब, मतलब कुल 3,46,61,723 बल्क लीटर शराब बरामद किये गये हैं. 96,68,194 बल्क लीटर शराब मद्यनिषेध विभाग और 2,49,93,529 बल्क लीटर शराब पुलिस विभाग ने बरामद किए हैं. अगस्त 2024 तक कुल 3,38,22,056 बल्क लीटर शराब को नष्ट करने की कार्रवाई की जा चुकी हैं जो कुल जब्त शराब का लगभग 98 प्रतिशत है.
वाहन भी हुए जब्त
शराब से जुड़े मामलों में कुल 1,24,658 वाहन जब्त किए गए हैं. इनमें मद्यनिषेध विभाग ने 71,727 और पुलिस विभाग ने 97,929 जब्त किए गए हैं. अगस्त 2024 तक कुल 71,727 वाहनों की नीलामी की जा चुकी है, जिसमें करीब 327.13 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है. एक अप्रैल 2022 से 31 अगस्त 2024 के बीच कुल 14,004 वाहनों को पेनाल्टी पर मुक्त किया गया हैं, जिसमें 65.40 लाख रुपए मिले हैं. शराब से जुड़े मामलों में कुल 8,208 भवन और भूखंड जब्त किए गए हैं.
मद्यनिषेध अधिनियम 2022 (संशोधन) के प्रावधान के अंतर्गत एक अप्रैल 2022 से 31 अगस्त 2024 के बीच कुल 507 भवन को पेनाल्टी पर मुक्त किया गया है, जिसमें 7 करोड़ 19 लाख रुपए की प्राप्ति हुई है.
कॉल सेंटर की व्यवस्था
उन्होंने जानकारी दी कि कॉल सेंटर में जहां औसतन 70-80 कॉल प्रतिदिन आते थे, अब लगभग 300-400 कॉल प्रतिदिन आ रहे हैं. कॉल सेंटर में मिली शिकायत पर पुलिस एवं उत्पाद विभाग द्वारा नियमित छापामारी की जा रही है. जल मार्ग से अवैध शराब की तस्करी की रोकथाम के लिए नदियों में मोटर बोट के माध्यम से छापेमारी की जा रही है. जबकि रेलगाड़ियों में अवैध शराब के विरूद्ध तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. कुल 84 कार्यरत चेकपोस्टों पर 24×7 वाहन जांच अभियान चलाया जा रहा है.
जिलों में अभी 41 ड्रोन कार्यरत हैं. ड्रोन के माध्यम से अवैध शराब के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रहा है और जनवरी 2022 से अगस्त 2024 तक विभिन्न जिलों में 97,688 छापेमारी कर 2,960 अभियोग दर्ज किए गए हैं. साथ ही 16,78,032.74 बल्क लीटर शराब तथा 75 वाहन जब्त किए गए हैं और 1,845.26 लाख किलोग्राम सामग्री नष्ट किए गए हैं. जिलों में कुल आठ सैटेलाइट फोन दिए गए हैं. जबकि सात स्पीड मोटरबोट और छह इनफ्लटेबल मोटरबोट कार्यरत हैं.
अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी
मोटर बोट से अवैध शराब के खिलाफ लगातार छापामारी किया जा रहा है. फरवरी, 2022 से अगस्त 2024 तक की अवधि में विभिन्न जिलों में कुल छापामारी 51,445 कर 1,300 मुकदमे दर्ज किए गए और 91 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. वहीं कुल शराब 6,85,043 लीटर जब्त किया और साथ ही जावा महुआ 658.68 लाख किलोग्राम नष्ट किया गया है.
सभी जिलों को ड्रम कटर और ड्रिलर उपलब्ध कराये गये हैं. शराब से जुड़े मामलों को पकड़ने के लिए स्नीफर डॉग की मदद ली जा रही है. अबतक 33 स्नीफर डॉग को लगाया जा चुका है. जिलों में उत्पाद विभाग के पास कुल 890 सर्वर ड्राइवेन ब्रेथ एनालाईजर उपलब्ध है. साथ ही 12 हैंड हेल्ड स्कैनर चेकपोस्टों पर कार्यरत है.
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