बिहार में मौत का तांडव! जितिया पर्व पर 37 बच्चों समेत मिट गईं 46 जिंदगियां #INA
Bihar Jitiya Tragedy: बिहार में जितिया पर्व के दौरान नदी और तालाबों में डूबकर 46 लोगों की मौत ने सबको हिलाकर रख दिया है. यह दर्दनाक हादसे दो दिन के अंदर हुए हैं. बताया जा रहा है कि मृतकों में 37 बच्चे और 7 महिलाएं शामिल हैं. कुल 16 जिलों में यह दुखद घटना घटी है, जिसमें से औरंगाबाद से सबसे ज्यादा मौतों का आंकाड़ा सामने आया है.
बता दें कि यह हदासा 24 और 25 सितंबर को हुआ. मृतकों में सबसे ज्यादा मौतें औरंगाबाद जिले में हुई हैं. यहां दो अलग-अलग घटनाओं में 8 बच्चे डूबकर अपनी जान गंवा बैठे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मरने वालों के आंकड़े बढ़ने के आसार हैं. अभी कई लोग लापता हो चुके हैं, जिनको लगातार खोजने का सिलसिला जारी है. ये हृदयविदारक घटना राज्य के 16 जिलों में घटी है. CM नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजन को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है.
A total of 46 people, including 37 children died in separate incidents of drowning across Bihar on the festival of ‘Jitiya’ over the last 24 hours. The incidents of drowning were reported from East and West Champaran, Aurangabad, Kaimur, Buxar, Siwan, Rohtas, Saran, Patna,…
— ANI (@ANI) September 26, 2024
औरंगाबाद जिले से 2 बच्चियां लापता
वहीं, औरंगाबाद जिले के बारुण थाना क्षेत्र के ईटहट में 5 किशोरियां व्रती महिलाओं के साथ तालाब में नहाने गई थीं. महिलाएं स्नान कर पास के मंदिर में पूजा करने चली गईं. किशोरियां नहाती रहीं. इसी दौरान एक किशोरी निशा डूबने लगी. उसे बचाने सगी बहन अंकू गई. वह भी डूबने लगी. दोनों को डूबता देख बाकी किशोरियां आगे बढ़ीं. सूचना पर स्थानीय लोग पहुंचे. उन्हें बचाने के लिए तालाब में कूदे. तब तक चार बच्चियां डूब चुकी थीं. एक बच्ची राशि की किसी तरह जान बचा ली गई.
ग्रामीणों ने लगाया गंभीर आरोप
दूसरी घटना औरंगाबाद के ही मदनपुर के कुशहा गांव की है. यहां भी जिउतिया में नहाने के दौरान हादसा हुआ. महिलाएं जौ बुन रहीं थीं, इसी दौरान 18 बच्चे आहर में नहाने लगे. सभी डूबने लगे. 14 बच्चों को लोगों ने बचा लिया, लेकिन 4 डूब गए. ग्रामीणों का आरोप है कि आहर की खुदाई के दौरान एक जगह गहरा गड्ढा कर दिया गया था, उसी में 3 बच्चियां और एक बच्चा डूब गया. दो बच्चियां डूबी हैं लेकिन उनके शव नहीं मिले हैं.
लगातार चलाया जा रहा सर्च अभियान
फिलहाल, बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक SDRF और NDRF के जवानों द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है. जितिया उत्सव इस हादसे के चलते मातम में बदल चुका है। बता दें कि सबसे ज्यादा लोग औरंगाबाद में डूबकर मरे हैं। इसके अलावा कैमूर जिले के भभुआ और मोहनिया थाने में सात बच्चे दुर्गावती नदी और तालाब में स्नान के दौरान डूबने से मरे हैं.
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