देश – कौन है इजरायल का जानी दुश्मन हसन नसरुल्लाह जिसने खड़ी कर दी 1 लाख लड़ाकों की आतंकी फौज – #INA
बेरूत में इजरायल के भयानक हमले के बाद भी हिजबुल्लाह नेता हसन नसरुल्लाह सुरक्षित बच गया है। नसरुल्लाह के करीबी सूत्रों का कहना है कि बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमले में भारी नुकसान हुआ है हालांकि वह सुरक्षितहै। IDF के प्रवक्ता ऐडमिरल डेनियल हागरी ने बताया, इजरायली सेना ने आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय को निशाना बनाया है। हम अपने लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इजरायली परिवार सुकून से रह सकें।
कौन है हसन नसरुल्लाह, जिसपर इजरायल की निगाहें
इजरायल लंबे समय से हसन नसरुल्लाह को निशाना बनाने की फिराक में है। अमेरिका की एक समाचार वेबसाइट एक्सियोस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नसरुल्लाह को ही निशाना बनाकर इजरायल ने हवाई हमला किया था। कई रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि नसरुल्लाह घायल हुआ है लेकिन वह जिंदा है। कुछ रिपोर्ट्स में में नसरुल्लाह की मौ का भी दावा किया गया है। जानकारों का कहना है कि अगर नसरुल्लाह की मौत की रिपोर्ट सही साबित होती है तो पश्चिमी एशिया में तनाव और ज्यादा बढ़ जाएगा।
हसन नसरुल्लाह 1992 से ही हिजबुल्लाह का प्रमुखख है और वह राजनीतिक रूप से भी काफी मजबूत है। उसका जन्म 31 अगस्त 1960 को बेरूत के उत्तरी बुर्ज हामुद इलाके में हुआ था। उसके पिता एक गरीब दुकानदार थे और वह कुल 8 भाई बहन था। नसरुल्लाह ने हिजबुल्लाह की कमान अब्बास अल मुसावी से अपने हाथ में ली थी। 2014 में एक इंटरव्यू में नसरुल्लाह ने बताया था कि वह किसी बंकर में नहीं रहता है। हालांकि रहने और सोने की जगहें लगातार बदलता ही रहता है।
नसरुल्लाह ने अल-अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि सुरक्षा के लिहाज से उसका मूवमेंट काफी सिक्रेट रखा जाता है। इसके अलावा उसके आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहते हैं। नसरुल्लाह के चार बच्चे हैं। उसका बड़ा बेटा भी हिजबुल्लाह का ही लड़ाका था और सितंबर 1997 में इजरायली हमले में मारा गया था।
1975 के लेबनानी गृह युद्ध के बाद नसरुल्लाह ऐक्टिव हो गया था और फिर वह इजरायली कब्जे के विरोध में खड़ा हुआ। पहले वह शिया मिलिशिया का सदस्य बना और फिर हिजबुल्लाह में आ गया। 1992 में सैय्यद अब्बास मुसावी की हत्या के बाद नसरुल्लाह हिजबुल्लाह का नेता बन गया। हिजबुल्लाह की लेबनाना में सियासी पकड़ भी है 2018 के संसदीय चुनाव में हिजबुल्लाह को बड़ी जीत मिली थी। नसरुल्लाह ने ही दावा किया था कि उसके पास एक लाख लड़ाके हैं। नसरल्लाह शुरू से ही इजरायल का विरोधी रहा है।
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