देश- महाराष्ट्र: मजीद मेमन ने TMC से तोड़ा नाता, शरद पवार की NCP में की घर वापसी- #NA

शरद पवार और मजीद मेनन.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मजीद मेनन ने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़कर एनसीपी (शरद पवार) का दामन थाम लिया है. मजीद मेमन देश के बड़े वकील और पूर्व राज्यसभा सांसद हैं. मजीद मेमन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इसके पहले भी वो एनसीपी में रह चुके हैं, लेकिन बंगाल छोड़कर टीएमसी देश के अन्य राज्यों में नहीं है और आने की स्थिति में भी नही है. ऐसे में उन्होंने अपने राज्य महाराष्ट्र में शरद पवार के साथ जाने का निर्णय किया है.

उन्होंने कहा कि क्योंकि सालों से जो लोग शरद पवार के साथ थे और अब वो पवार के साथ रहकर उनका हाथ मजबूत करेंगे और अल्पसंख्यकों के मुद्दे को उठाते रहेंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में एनसीपी के लिए काम करेंगे, ताकि राज्य में आघाड़ी की सरकार बन सके.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में जल्द ही विधानसभा चुनाव के ऐलान होने हैं. शरद पवार की एनसीपी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा है. महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस और शिव सेना (उद्धव गुट) भी शामिल हैं और ये तीनों पार्टियों ने ऐलान किया है कि वे मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इन पार्टियों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. शरद पवार ने कहा था कि नवरात्रि में सीटों के बंटवारे को लेकर फैसला हो जाएगा.

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दिसंबर 2022 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे मजीद मेनन

बता दें कि मजीद मेनन पहले एनसीपी में ही थे, लेकिन दिसंबर 2022 में वह एनसीपी से नाता तोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले वह फिर से एनसीपी में शामिल हो गए हैं.

महाराष्ट्र के जाने-माने क्रिमिनल केसों के वकील मेमन 2014 से 2020 तक शरद पवार की एनसीपी के खाते से राज्यसभा के सांसद थे. उन्होंने राज्यसभा में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय समिति के सदस्य और कानून और न्याय मंत्रालय पर परामर्शदात्री समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया था.

मुंबई सीरियल ब्लास्ट में संदिग्धों की पैरवी की थी

मजीद मेमन का जन्म 12 दिसंबर 1945 को हुआ था. एक वकील के रूप में मजीद मेमन ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, राजनेताओं,और फिल्म हस्तियों के बचाव में कई केस लड़े हैं.

मजीद मेमन ने मुंबई में 1993 के सीरियल ब्लास्ट के मामले में संदिग्धों की पैरवी की थी. इस कारण वह सुर्खियों में आये थे. वकील के रूप में काम करते हुए एक बार उन पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन वह बाल-बाल बच गये थे.

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