Haryana CM Oath Ceremony: नायब सिंह सैनी ने 17 अक्टूबर को ही क्यों ली हरियाणा CM पद की शपथ? बेहद बड़ी है वजह #INA
Haryana CM Oath: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नायाब सिंह सैंनी आज (17 अक्टूबर) को लगातार दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. पंचकूला में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और अनिल विज समेत कई मंत्री और नेता शामिल हुए. हरियाणा में धमाकेदार जीत से BJP गदगद है, इसके बावजूद पार्टी अपना हर कदम पूरी राजनीतिक सूझ-बूझ के साथ उठा रही है. वहीं, सीएम सैनी ने BJP के इन प्रयासों को सार्थक बनाने में लगे हुए हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर नायब सिंह सैनी ने 17 अक्टूबर को ही क्यों ली हरियाणा CM पद की शपथ? इसके पीछे बेहद बड़ी है वजह. आइए जानते हैं–
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Haryana Cabinet Ministers List 2024
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान 13 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली. उनमें अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज, इसराना से विधायक किशन लाल पंवार, बाहदुरपुर से विधायक राव नरबीर सिंह, पानीपत (ग्रामीण) से विधायक महिपाल ढांडा, फरीदाबाद से विधायक विपुल गोयल, गोहाना से विधायक अरविंद कुमार शर्मा, रादौर से MLA श्याम सिंह राणा, बरवाला से विधायक रणबीर गंगवा, नरवाना से विधायक कृष्ण कुमार, श्रुति चौधरी, अटेली से विधायक आरती राव और तिगांव से विधायक राजेश नागर शामिल हैं.
ऐतिहासिक है हरियाणा में बीजेपी की जीत
बीजेपी के लिए ये शपथ ग्रहण ऐतिहासिक रहा, क्योंकि पार्टी ने हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाई है. हरियाणा के राजनीतिक इतिहास में ऐसा करने वाली वह अकेली ऐसी पार्टी है. एग्जिट पोल को धता बताते हुए बीजेपी ने हाल के चुनावों में 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत हासिल की. तीनों निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी को अपना समर्थन दिया है. ये तब हुआ है जब बीजेपी ने हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों में से केवल 5 सीटें जीती थीं, जो विधानसभा चुनावों में बदलाव का संकेत है.
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17 अक्टूबर को ही शपथ ग्रहण क्यों?
17 अक्टूबर को इस वर्ष वाल्मिकी जयंती मनाई जा रही है. महर्षि वाल्मीकि ऋषि और कवि थे, जो हिंदू महाकाव्य रामायण के रचयिता थे, जिनकी जयंती हर साल कुछ दलित समुदाय मनाते हैं. इस दिन हरियाणा में अवकाश का भी ऐलान किया गया है. बीजेपी नेताओं की सियासत केंद्र में कहीं न कहीं वाल्मीकि समाज रहता ही है. फिर चाहे मौजूदा सीएम सैनी हों या फिर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर, उन्होंने वाल्मीकि समाज के हितों का विशेष ध्यान रखा है.
2024 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो हरियाणा में बीजेपी की जीत का क्रेडिट दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के वोटों को पार्टी के पक्ष में होने को जाता है. हरियाणा में 20 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी) और करीब 30 फीसदी ओबीसी लोग हैं. सीएम सैनी भी खुद ओबीसी समाज से आते हैं. हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने SC के लिए आरक्षित 17 सीटों में से 8 पर जीत दर्ज की. वहीं इसे कांग्रेस की हार की वजह भी बताया जा रहा है.
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बीजेपी और आरएसएस दलितों की लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं ताकि उन्हें हिंदुत्व के एक छत्र के नीचे लाया जा सके. ताकि विपक्ष की जाति जनगणना की मांग का मुकाबला किया जा सके. लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने संविधान और आरक्षण को खत्म करने का नरैटिव बीजेपी के खिलाफ खड़ा किया था, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा था. लेकिन अब हरियाणा में जीत से BJP विपक्ष के इस नैरेटिव को काट के रूप में पेश करेगी. अब बीजेपी पूरजोर के साथ कह पाएगी की कि दलित वोटर उसके साथ हैं. इसी रणनीति के तहत नायाब सैनी के शपथ ग्रहण की तारीख के रूप में 17 अक्टूबर का दिन चुन गया है.
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