देश- झारखंड बीजेपी में मची भगदड़, कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी, लिस्ट में हावी परिवारवाद है वजह?- #NA

केदार हाजरा, लुईस मरांडी

झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करने में जुटी हुई हैं और उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं. झारखंड में बीजेपी ने 66 प्रत्याशियों की सूची जारी की है.

बीजेपी ने जारी लिस्ट में कई सिटिंग विधायकों को उम्मीदवार बनाया. साथ-साथ कुछ ऐसे चेहरों को प्रत्याशियों की सूची में जगह दी है जो किसी न किसी दिग्गज नेता के परिवार से जुड़े हुए हैं या रिश्तेदार हैं. परिवारवाद को लेकर मुखर रहने वाली भारतीय जनता पार्टी की सूची देखें तो 8 से 10 ऐसे प्रत्याशियों के नाम शामिल है जो किसी न किसी बीजेपी नेता के परिवार से हैं.

परिवारवाद रहा हावी?

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास को जमशेदपुर पूर्वी से पार्टी ने प्रत्याशी बनाया. वहीं, पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को सरायकेला से टिकट दिया गया. चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से टिकट दिया गया. पार्टी की लिस्ट जारी होने के बाद परिवारवाद को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा बीजेपी पार्टी को घेरने का काम कर रही है.

बीजेपी की उम्मीदवारों की लिस्ट में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को पोटका विधानसभा से टिकट दिया, वहीं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.आजसू पार्टी के गिरिडीह से सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी के भाई रोशन लाल चौधरी को बीजेपी में शामिल कर के पार्टी ने उन्हें बड़कागांव से अपना उम्मीदवार बनाया, जबकि धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो के भाई शत्रुघ्न महतो को बाघमारा से मैदान में उतारा गया है.

JMM ने बीजेपी पर लगाए आरोप

झारखंड मुक्ति मोर्चा यह भी आरोप लगा रही है कि बीजेपी की सूची में शामिल आधे नेता दूसरे दल से आए हुए हैं, जो बीजेपी में शामिल हुए हैं और बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया. यानि जेएमएम का आरोप है कि बीजेपी को अपने ही नेताओं पर भरोसा नहीं है.

लिस्ट जारी करने के बाद पार्टी में भगदड़

बीजेपी की उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद से ही पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की लाइन लग गई है. रघुवर दास की सरकार में मंत्री रही बीजेपी की कद्दावर नेता मानी जाने वाली लुईस मरांडी ने पार्टी का दामन छोड़ कर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ले ली है. दुमका विधानसभा सीट से लुईस मरांडी के बजाए सुनील सोरेन को प्रत्याशी बनाए जाने से वह नाराज थी. हालांकि, लुईस मरांडी को दुमका के बजाए बरहेट विधानसभा सीट से पार्टी चुनाव लड़वाना चाहती थी , लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं थी, इसी के चलते उन्होंने पार्टी छोड़ दी और वो झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्य बन गई.

वहीं बीजेपी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता लेने वाले नाम में अगला नाम जमुआ के सिटिंग विधायक केदार हाजरा हैं. उन्होंने सूची जारी होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ले ली थी , बीजेपी ने जमुना से केदार हाजरा के बजे डॉ मंजू को अपना प्रत्याशी बनाया है।

कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी

बीजेपी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट में अगला नाम बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल सारंगी का है. कुणाल सारंगी ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ले ली है. कुणाल सारंगी बीजेपी से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा के ही सदस्य थे. वहीं इस सूची में अगला नाम सरायकेला से बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी गणेश महली का है. पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को सरायकेला से प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज गणेश महली ने बीजेपी छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थाम लिया है. इसके साथ ही बीजेपी के पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू, बीजेपी नेता बास्को बेसरा ने भी पार्टी का साथ छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्वाइन कर ली है.

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