लॉरेंस बिश्नोई ने सलमान को किस मंदिर में माफी मांगने को कहा, आखिर क्यों बिश्नोई समाज की इस मंदिर में है इतनी आस्था #INA
Bishnoi Temple: इन दिनों देश में बिश्नोई समाज चर्चा में बना हुआ है. सलमान खान (salman khan) और लॉरेंस बिश्नोई (lawrence bishnoi) के बीच चल रहे विवाद की वजह से बिश्नोई समाज खूब चर्चा में है. इसके चलते बिश्नोई समाज का मंदिर भी सुर्खियों में आ गया है. राजस्थान के सबसे पवित्र स्थलों में से एक ये मंदिर भी है. बिश्नोई समाज के लिए ये मंदिर बेहद खास है. इसका नाम मुक्ति धाम मुकाम मंदिर है. आइए जानते हैं कहां है मुक्ति धाम मुकाम मंदिर? कैसे पहुंचे मुक्ति धाम मुकाम मंदिर और क्यों है ये मंदिर इतना खास?
कहां है मुक्ति धाम मुकाम मंदिर? (Where is mukti dham mukam bishnoi temple)
बिश्नोई समाज का मुक्ति धाम मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले में तलवा गांव के पास में मौजूद है. मुक्ति धाम मुकाम मंदिर बीकानेर मुख्य शहर से करीब 78 किमी की दूरी पर है. इसके अलावा, राजस्थान की राजधानी जयपुर से यह मंदिर करीब 295 किमी की दूरी पर मौजूद है.
बिश्नोई समाज के लिए क्यों है मुक्ति धाम मंदिर इतना खास?
बिश्नोई समाज के लिए मुक्ति धाम मंदिर बेहद खास है. ऐसी मान्यता है कि इस समाज के लोगों को जानवरों और पर्यावरण से काफी लगाव है. यहां भगवान गुरु जम्बेश्वर की पवित्र समाधि भी है. मुकाम मंदिर के बारे में कहते हैं, गुरु जम्बेश्वर यहां करीब 1540-1593 ई. तक रहे थे और इसी बीच उन्होंने बिश्नोई समाज की स्थापना की. उस दौरान वो एक चोटी पर रहते थे और वहीं पूजा-पाठ किया करते थे.
जानिए मंदिर की पौराणिक कथा
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर की पौराणिक कथा के अनुसार गुरु जम्भोजी समाधि लेने वाले थे, तभी उन्होंने खेजड़ी के पेड़ की ओर इशारा करते हुए अनुयायियों से कहा कि ‘खेजड़ी के पास 24 हाथ खोदने पर भगवान शिव का त्रिशूल और धुना दिखाई देगा, तुम्हें वहीं मेरी समाधि बनानी है. कहते हैं, आज भी इस मंदिर में वो त्रिशूल और धुना मौजूद है. फाल्गुन अमावस्या और आसोज अमावस्या के दिन यहां मेला लगता है.
बिश्नोई मंदिर कब खुलता है?
बिश्नोई मंदिर रोजना सुबह 4 बजे भक्तों के लिए खुल जाता है. रात 8 बजे तक ये खुला रहता है. यहां सुबह और शाम को आरती होती है. मंदिर परिसर में जाने के लिए कोई टिकट नहीं ली जाती.
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर कैसे पहुंचे?
अगर आप फ्लाइट से मंदिर जाना चाहते हैं, तो सबसे पास में बीकानेर एयरपोर्ट है. ये महज मंदिर से 110 किमी दूर है. मंदिर के सबसे पास में नोखा रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 10 किमी दूर है. यह मंदिर राजस्थान के लगभग हर बड़े शहरों से सड़क माध्यम से भी जुड़ा हुआ है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ये भी पढे़: वाराणसी में करें इस बार दिवाली सेलिब्रेट, यादगार रहेगा ये ट्रिप, ऐसे बनाएं प्लान
#INA #INA_NEWS #INANEWSAGENCY
डिस्क्लेमरः यह न्यूज़स्टेट डॉट कॉम न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ आई एन ए टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज़स्टेट डॉट कॉम की ही होगी.