देश – गोवा में भर्ती घोटाले को लेकर मचा बवाल, लगे रिश्वत लेने के आरोप, विपक्ष ने उठाए सवाल #INA
गोवा में नौकरी घोटाले को लेकर विपक्ष सरकार पर आरोप लगा रहा है. उसका कहना है कि सरकारी नौकरियां पैसे लेकर बेची जा रही हैं. इस कारण योग्य उम्मीदवार को मौका नहीं मिल रहा है. उनके टैलेंट को दरकिनार करके रिश्वत लेकर नौकरी दी जा रही हैं. विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.
भ्रष्टाचार के आरोप और गिरफ्तारी
इस घोटाले में सरकार के विभिन्न विभागों, जैसे होम डिपार्टमेंट, पीडब्ल्यूडी और गोवा पब्लिक सर्विस कमीशन (GPSC) के अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगाया गया है. अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन गिरफ्तारियों के बाद भी विपक्ष की डिमांड है कि असली मास्टरमाइंड अभी भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं.
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विपक्ष के आरोप
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई ने सरकार पर तीखा प्रहार किया है. उनका दावा है कि गिरफ्तार किए सभी लोग सरकार से जुड़े हैं. सरदेसाई के अनुसार, “सरकार ने नैतिक और कानूनी अधिकार को खो दिया है. जब उनकी खुद की पुलिस उनके कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है, तो यह साफ है कि पार्टी भ्रष्टाचार में लिप्त है.”
जानें क्या बोली आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी (AAP) ने गोवा प्रमुख अमित पालेकर ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह घोटाला सतही नहीं है. पार्टी इसमें बड़े नेताओं और उच्च पदस्थ अधिकारियों की मिलीभगत बता रही है. पालेकर ने गिरफ्तारियों को दिखावा बताते हुए कहा कि असली साजिशकर्ताओं को अब तक हाथ नहीं लगाया है.
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भर्ती प्रक्रिया की मांग
सरदेसाई ने सीएम को लिखे एक पत्र में “जॉब माफिया” के संगठित नेटवर्क पर चिंता जताई है. उन्होंने निष्पक्ष जांच को लेकर राज्य प्रशासन से अलग एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने की मांग की है. सरदेसाई का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक सरकारी भर्तियों पर रोक लगाई जानी चाहिए. उन्होंने विशेष रूप से कुछ मामलों का जिक्र करते कहा कि यह घोटाला व्यक्तिगत नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर फैला हुआ है.
नौजवानों के भविष्य पर मंडराया संकट
गोवा में बेराजगारी की 13.7 प्रतिशत है, यह देश में सबसे ज्यादा है. ऐसे में नौकरी को लेकर रिश्वतखोरी का मामला शिक्षित युवाओं के भविष्य पर गंभीर असर डालता है. सरदेसाई के अनुसार, “हम अपने बच्चों की शिक्षा पर निवेश करते हैं, लेकिन उनकी योग्यता के बजाय पैसे वालों को ज्यादा तरजीह दी जाती है.”
जनता का आक्रोश और विपक्ष की मांग
जनता में बढ़ते आक्रोश के लेकर विपक्ष निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग उठा रहा है. पालेकर और सरदेसाई का कहना है कि इस घोटाले ने सरकार की भर्ती प्रक्रिया में जनता के विश्वास को खत्म किया है. अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों पर किस तरह के कदम उठाती है और जनता के विश्वास को किस तरह बहाल करती है.
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