देश- गुजरात : पहले लगाया शिविर कैंप, फिर एंजियोप्लास्टी के लिए बुलाया, मरीजों की हुई मौत, पांच गिरफ्तार- #NA
गुजरात में एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया में गड़बड़ी से मरीजों की मौत का मामला सामने आया है. अहमदाबाद में इस महीने में एक अस्पताल में एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में गड़बड़ी के बाद प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के दो लाभार्थियों की मौत के सिलसिले में अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इन गिरफ्तारियों के साथ, इस केस में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर छह हो गई है, जिनमें अहमदाबाद के ख्याति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में इन दो लाभार्थियों की एंजियोप्लास्टी करने वाले विजिटिंग हार्ट सर्जन डॉ प्रशांत वजीरानी भी शामिल हैं. डॉ. वजीरानी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था.
लगाते थे शिविर कैंप, कराते थे एंजियोप्लास्टी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन अन्य आरोपी अब भी फरार हैं, जिनमें अस्पताल के अध्यक्ष कार्तिक पटेल, डायरेक्टर राजश्री कोठारी और डॉ. संजय पटोलिया शामिल हैं. कार्तिक पटेल विदेश में है.
पुलिस आयुक्त (अपराध) शरद सिंघल ने बताया कि जांच से पता चला है कि अस्पताल ने पीएमजेएवाई कार्ड धारकों को एंजियोप्लास्टी कराने के लिए राजी करने के लिए गांवों में मुफ्त जांच शिविर लगाए, जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने बताया कि सरकारी मंजूरी में तेजी लाने के लिए मरीजों को गलत तरीके से आपातकालीन श्रेणी में पंजीकृत किया गया था और बदले में अस्पताल ने सरकार से भुगतान का दावा किया था.
उन्होंने कहा कि अस्पताल ने पिछले साल इस योजना के तहत 11 करोड़ रुपये कमाए थे, जिसमें से 70 प्रतिशत आय ऐसे दावों से आई थी.
सिंघल ने बताया कि मंगलवार को जो पांच लोग गिरफ्तार किए गए, उनमें अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जैन, मार्केटिंग डायरेक्टर चिराग राजपूत, मार्केटिंग कार्यकारी मिलिंद पटेल और उसके दो सहायक पांकिल पटेल एवं प्रतीक भट्ट हैं.
पुलिस ने क्या जानकारी दी?
पुलिस आयुक्त ने बताया कि चार्टर्ड एकाउंटेंट जैन को उदयपुर में पकड़ा गया, जबकि अन्य को गुजरात के खेड़ा जिले के कपड़वंज तालुका में एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया गया, जहां वो पुलिस की जांच शुरू होने के बाद से छिपे हुए थे. उन्होंने बताया कि यह फार्महाउस राजपूत के दोस्त का है.
सिंघल ने बताया कि अस्पताल के मार्केटिंग कार्यकारी मिलिंद पटेल और उसके दो सहायक मार्केटिंग निदेशक चिराग राजपूत के निर्देश पर मुफ्त जांच शिविर आयोजित करते थे. उन्होंने कहा, वे लोगों को पीएमजेएवाई योजना (जो निःशुल्क है) के तहत अस्पताल में सर्जरी कराने के लिए राजी करते थे, वे गांव के सरपंचों को कमीशन भी देते थे. यह जांच दो मरीजों की मौत के बाद उनके परिजन द्वारा शिकायत करने के बाद शुरू की गई थी. ये दोनों मरीज 11 नवंबर को एंजियोप्लास्टी कराने वाले सात व्यक्तियों में शामिल थे.
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