देश- महाराष्ट्र का CM कौन? अमित शाह के आवास पर दो घंटे चली महायुति की बैठक, सस्पेंस बरकरार- #NA

देवेंद्र फडणवीस, अमित शाह और एकनाथ शिंदे.

महाराष्ट्र में सीएम को लेकर कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने गुरुवार रात यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इनके अलावा मीटिंग में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा में मौजूद रहे. यह मीटिंग करीब 2 घंटे तक चली. एक दिन पहले बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने अमित शाह के घर पर उनसे मुलाकात की थी.

वहीं मीटिंग के बाद महाराष्ट्र के कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि बैठक अच्छी और सकारात्मक रही. यह पहली बैठक थी जब हमारी अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा हुई. शिंदे ने कहा कि महायुति की एक और बैठक होगी, जिसमें फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा. यह बैठक मुंबई में होगी.

दो दिसंबर तक नयी सरकार के गठन की संभावना

महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी. महायुति गठबंधन में बीजेपी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं. गठबंधन के नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र में दो दिसंबर तक नयी सरकार के गठन की संभावना है.

देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार की बैठक

बता दें कि एकनाथ शिंदे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं उदय सामंत और शंभूराज देसाई के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे. इससे पहले, देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता सुनील तटकरे के आवास पर अजित पवार के साथ बैठक की. महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे ने महायुति गठबंधन की बैठक से पहले दिल्ली में अमित शाह से अलग से मुलाकात की.

अमित शाह के आवास पर मीटिंग

मुंबई से आए एकनाथ शिंदे सीधे अमित शाह के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित आवास पर पहुंचे, जहां बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले से मौजूद थे. शिंदे ने कहा कि वह राज्य में सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के निर्णय का पालन करेंगे. इससे महाराष्ट्र में अगले मुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी के लिए अपने उम्मीदवार को चुनने का रास्ता साफ हो गया.

महाराष्ट्र में सामाजिक समीकरणों पर विचार

एकनाथ शिंदे ने कहा, यह ‘लाडका भाऊ’ (प्यारा भाई) दिल्ली आ गया है और ‘लाडका भाऊ’ पद मेरे लिए किसी भी अन्य चीज से अधिक है. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा थी कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने से पहले महाराष्ट्र में सामाजिक समीकरणों पर विचार करेगा. इससे बीजेपी के भीतर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मराठा समुदायों के नेताओं के लिए मुख्यमंत्री पद की दौड़ खुल गई है.

मुख्यमंत्री के रूप में बरकरार रखने की वकालत

शिवसेना के नेताओं ने लाडकी बहन योजना की सफलता और नागरिकों के दरवाजे तक सरकार की कल्याणकारी सुविधाएं ले जाने के शिंदे के दृष्टिकोण का हवाला देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में बरकरार रखने की वकालत की है. मुख्यमंत्री के चयन में जातिगत समीकरण की बड़ी भूमिका होने वाली है, क्योंकि सभी दलों के 288 विधायकों में से अधिकतर मराठा समुदाय से हैं.

देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे

देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं और पहली बार 2014 में मुख्यमंत्री बने थे और फिर 2019 में कुछ समय के लिए फिर से मुख्यमंत्री बने. सूत्रों ने कहा, अगर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) का हुक्म चलता है तो देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना उज्ज्वल है. शिंदे के एक करीबी सहयोगी ने गुरुवार को कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री द्वारा नयी सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने की संभावना नहीं है.

गठबंधन धर्म का पालन

शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरशाट ने हालांकि कहा कि शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने कहा, वह शायद उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे. मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति के लिए ऐसा करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी दूसरे नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए कहेगी. वहीं, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि उन्हें अपने पिता एकनाथ शिंदे पर गर्व है, जिन्होंने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दरकिनार करते हुए गठबंधन धर्म का पालन करने का उदाहरण पेश किया है.

महाराष्ट्र के लोगों के साथ अटूट रिश्ता

सांसद ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उनके पिता का महाराष्ट्र के लोगों के साथ अटूट रिश्ता है. श्रीकांत शिंदे ने कहा कि मुझे अपने पिता और शिवसेना प्रमुख पर गर्व है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भरोसा बनाए रखा और अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को अलग रखते हुए गठबंधन धर्म का (बेहतरीन) उदाहरण पेश किया.

महायुति गठबंधन ने जीती 230 सीटें

बीजेपी नीत महायुति गठबंधन ने हाल में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय सदन में 230 सीट पर जीत दर्ज की तथा विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को 46 सीट पर समेट दिया. बीजेपी ने 132 सीट, शिवसेना ने 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 41 सीट जीतीं. एमवीए में शामिल शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीट, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार की एनसीपी (एसपी) ने 10 सीट पर जीत दर्ज की.

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