सीजी – दिल्ली-एनसीआर में खुलेगी ब्रिटेन की Southampton यूनिवर्सिटी कैंपस, अब विदेश की पढ़ाई अपने इंडिया में #INA
UK Southampton University In India: विदेशों में पढ़ाई करना ज्यादातर बच्चों का सपना होता है, लेकिन ये सपना केवल उनके ही पूरे होते हैं जिनके पास बहुत पैसा होता है. ऐसे लाखों बच्चे हैं जो बहुत ही प्रतिभाशाली हैं लेकिन फॉरेन स्टडी का खर्चा नहीं उठा पाने के कारण वे नहीं जा पाते हैं. लेकिन अब ये समस्या नहीं आएगी. क्योंकि ब्रिटेन की प्रतिष्ठित साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी को भारत में अपना कैंपस खोलने की मंजूरी मिल गई है. साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी का पहला कैंपस एनसीआर के गुरुग्राम में खुलने की संभावना है.
भारत में कैंपस शुरू करने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी होगी. केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अनुमति दी है. ये यूनिवर्सिटी ग्लोबल लेवल पर काफी अच्छी यूनिवर्सिटी है. क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 81वें और टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 97वें स्थान पर है.
भारत में पहली विदेशी यूनिवर्सिटी कैंपस
इस कैंपस के जरिए भारत में अच्छी शिक्षा, रिसर्च, और ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा. यूजीसी ने 2023 में फॉरेन हायर एजुकेशन कैंपस की स्थापना और संचालन के लिए नियम बनाए थे.जिसके तहत ही साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने अपने भारत में कैंपस खोलने का प्रस्ताव रखा गया है.
कौन-कौन से कोर्स होंगे
साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने अपने भारत कैंपस के लिए अगले दस वर्षों का एक विस्तृत कोर्स प्लान आया है. यहां पर मुख्य रूप से बिजनेस एंड मैनेजमेंट, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, आर्ट एंड डिजाइन, जैव विज्ञान, और लाइफ साइंस पर आधारित कोर्स कराए जाएंगे.
पहले वर्ष में बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएससी बिजनेस मैनेजमेंट, बीएससी अकाउंटिंग एंड फाइनैंस, बीएससी इकनॉमिक्स, एमएससी इंटरनैशनल मैनेजमेंट, और एमएससी फाइनैंस जैसे कोर्स उपलब्ध होंगे. वहीं दूसरे वर्ष में बीएससी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बीएससी क्रिएटिव कंप्यूटिंग, और एमएससी इकनॉमिक्स के कोर्स शामिल किए जाएंगे. तीसरे साल में एलएलबी लॉ और बी. इंजीनियरिंग (मकैनिकल इंजीनियरिंग) के कोर्स जोड़े जाएंगे. इसके बाद हर वर्ष नए-नए कोर्स भी पेश किए जाएंगे.
डिग्रियों की कितनी वैल्यू होगी
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया है कि साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी द्वारा भारत में प्रदान की जाने वाली डिग्रियां उसी के बराबार होंगी जैसे ब्रिटेन के मेन कैंपस में दी जाती हैं. इन डिग्रियों की मान्यता और शैक्षणिक गुणवत्ता भी उसी स्तर की होगी. यह कैंपस भारत में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को एक नया आयाम देगा. भारतीय कैंपस में शैक्षणिक कार्यक्रम जुलाई 2025 में शुरू होने की उम्मीद है.
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