एमपी- Ujjain: न तो ई-रिक्शा का किराया चुका पाया, न ही घर चला पाया… चालक ने पी लिया जहर – INA
मध्य प्रदेश में महाकाल नगरी उज्जैन में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां पुलिस और प्रशासन ने महाकाल मंदिर के आसपास सुरक्षा को देखते हुए ई-रिक्शा के रूट तय कर दिए हैं. वहीं दूसरी ओर एक ई-रिक्शा चालक ने इसे प्रशासन की मनमानी करार देते हुए कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है. हालांकि समय रहते जानकारी होने पर ई-रिक्शा चालक को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है.
उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. इससे यहां का ट्रांसपोर्ट कारोबार काफी बड़ा हो गया है. इसका अंदाजा केवल इतने से ही लगाया जा सकता है कि महाकाल लोक के आसपास 6000 से अधिक ई-रिक्शा चल रहे हैं. शहर की सड़कों पर इतनी बड़ी संख्या में ई रिक्शा चलने की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है. आलम यह है कि यहां की सड़कों पर दोपहिया वाहनों से या पैदल चलना मुश्किल हो गया है. हालात को देखते हुए कुछ दिन पहले पुलिस और प्रशासन ने ई रिक्शा चालकों के लिए समय और रूट तय कर दिए हैं.
ड्राइवर ने खाया जहर
रूट तय होने के बाद ई-रिक्शा चालकों को दूसरे रूट पर चलने से रोक लग गई है. इससे नाराज होकर एक ई-रिक्शा चालक ने कोई जहरीला पदार्थ पी लिया. इससे उसकी हालत खराब हो गई. परिजन उसे आनन फानन में जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उपचार के बाद बताया कि अब उसकी हालत खतरे से बाहर है. रिक्शा चालक की पहचान अंबर कॉलोनी में रहने वाले शुभम उर्फ़ चिंटू के रूप में हुई है. उसने सोमवार की रात अपने घर में जहरीला पदार्थ पीया था.
ई-रिक्शा चालकों ने लगाया जाम
घटना की जानकारी होने पर शहर के तमाम ई-रिक्शा चालक चामुंडा चौराहे पर एकत्र हो गए और नाराजगी प्रकट करते हुए चक्का जाम किया. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीएसपी ओमप्रकाश मिश्रा ने रिक्शा चालकों को समझा बुझाकर शांत कराया और जाम खुलवाया. इस मामले में नीलगंगा थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने बताया कि मृतक शुभम ई रिक्शा चलाने का काम करता था. वह प्रतिदिन 350 रुपये ई रिक्शा का किराया देता था, लेकिन रूट तय होने के बाद उसकी कमाई कम हो गई थी. इससे परेशान होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया.
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