खबर मध्यप्रदेश – MP: जेल से भागने की साजिश! 12 घंटे तक तालाब के पास छिपा रहा कैदी, फिर ऐसे आया पकड़ में – INA

मध्य प्रदेश के जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस सेंट्रल जेल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहा कैदी रमेश कोल फिल्मी स्टाइल में जेल से फरार हो गया. रमेश कोल सेंट्रल जेल के पश्चिमी खंड में बंद था. भागने की योजना लंबे समय से बना रहा था. जेल प्रशासन के अनुसार, कैदियों की रोजाना की गिनती के दौरान रमेश कोल गायब पाया गया, जिससे जेल में हड़कंप मच गया.

9 नंबर बैरक से एक कैदी के गायब होने की खबर मिलते ही जेल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. जेल के सभी खंडों में सघन तलाशी अभियान चलाया गया. कैदी का कोई सुराग नहीं मिला. तलाशी के दौरान जेल प्रशासन ने संदेह जताया कि कैदी जेल के तालाब परिसर में छिपा हो सकता है. रात के करीब दो बजे दो सहायक जेल अधीक्षक और 8 प्रहरियों ने आजाद हिन्द खण्ड तालाब बगीचा जो कि लगभग 7-8 एकड़ में फैला हुआ है उसमें सर्च ऑपरेशन चलाया. कैदी का वहां भी कोई सुराग नहीं लगा.

जेल प्रशासन के द्वारा सिविल लाइन थाना में कैदी के फरार होने की एफआईआर दर्ज कराई गई. सुबह तालाब परिसर की भी कड़ी तलाशी ली गई, जिसमें यह सामने आया कि कैदी रमेश कोल लगभग 12 घंटे तक तालाब के पास छिपा रहा. जेल प्रशासन ने भी जेल के चारों तरफ जेल प्रहरियों को तैनात कर दिया था. जेल प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद अंततः सुबह के समय कैदी रमेश कोल को पकड़ने में सफलता हॉसिल कर ली.

पॉक्सो एक्ट में मिली सजा

जेल प्रशासन ने बताया कि कटनी जिले के लालनगर कैमोर का रहने वाला कैदी रमेश कोल को कैमोर थाना में दर्ज एक रेप के मामले में जिला सत्र न्यायालय ने धारा 363, 366, 376 (1) भादवि एवं धारा 5 (एल) (एच) 6 पॉक्सो एक्ट 2012 के मामले में 03 साल, 05 साल, आजीवन कारावास एवं आजीवन कारावास में जुर्माना 500, 1000, 1000, 1000, न देने पर 03 माह, 06 माह, 01 वर्ष, 01 वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. जहां आजीवन कारावास की सजा भुगतने हेतु कैदी को जिला जेल कटनी से 22 मार्च 2015 में सेंट्रल जेल लाया गया था. जहां कैदी आजीवन कारावास की सजा काट रहा था.

दो पहरियों के सस्पेंड किया

इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने दो जेल प्रहरियों, विजय गुप्ता और सुरेंद्र तुरकर को ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया. ये दोनों प्रहरी उस वक्त ड्यूटी पर थे जब कैदी रमेश कोल भागने में सफल हुआ. यह घटना जेल सुरक्षा तंत्र की खामियों को उजागर करती है. इसने जेल प्रशासन को अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है.

कैदी की फरारी के बाद जेल के अन्य बंदियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है. उप जेलर मदन कमलेश का कहना है फिलहाल लापरवाही बरतने पर दोपहरियों को निलंबित कर दिया गया है. जेल प्रशासन द्वारा इस मामले की जांच भी जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.


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