खबर मध्यप्रदेश – देवी अहिल्या बाई ने सनातन संस्कृति की ध्वजा फहराई… पुणे में बोले CM मोहन यादव – INA

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को पुणे में शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित थीम पर बने पार्क शिवसृष्टि का अवलोकन किया. इसके बाद रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी संस्था द्वारा ‘पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर और उनके जन-कल्याणकारी सुशासन’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय चर्चा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की जय-जयकार करने में गर्व का अनुभव होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कहा कि भारत को सनातन-संस्कृति और महान विचारों के लिए जाना जाता है, जिसने सदैव ही दुनिया को प्रेरित किया है. इसी संस्कृति के प्रतीक शिवाजी महाराज की जय-जयकार करते हुए हम गर्व का अनुभव करते हैं.

महाराज शिवाजी का अद्वितीय जीवन

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि महाराज शिवाजी का जीवन अद्वितीय था, उन्होंने अत्याचारियों को खूब सबक सिखाई. साधारण व्यक्तियों को संगठित कर उन्हें असाधारण बनाना सिर्फ विलक्षण व्यक्तित्व का काम हो सकता है. वह व्यक्तित्व हैं शिवाजी महाराज. उन्होंने कहा कि नौसेना के लिए नया ध्वज आजादी के बाद तुरंत होना चाहिए था लेकिन आजादी के बाद पहली बार नौसेना का ध्वज आता है और महाराज शिवाजी याद आ जाते हैं. यह हमारा सौभाग्य है.

अहिल्या बाई का 300वां जन्मदिवस

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हम महारानी अहिल्याबाई जी का 300वां जन्मोत्सव मना रहे हैं. मुगलों के काल में अहिल्याबाई जी ने न केवल मंदिरों और देवालयों के जीर्णोद्धार का कार्य किया, बल्कि पूरे देश में धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक समृद्धि का संदेश फैलाया. बनारस से लेकर सोमनाथ और मानसरोवर तक, उनका योगदान अमिट है. लोकमाता अहिल्याबाई जी ने अपने अद्वितीय शासनकाल में सनातन-संस्कृति की ध्वजा गर्व के साथ फहराई.

उन्होंने कहा कि आज हम बनारस में जाते हैं तो बाबा विश्वनाथ के धाम में पूजा करने के लिए जाने का मौका मिलता है वो मौका अगर किसी ने दिया तो अहिल्या माता ने ही दिया, उस मंदिर को देवस्थान बनाया तो ये अहिल्या माता की ही देन है. क्योंकि उस दौर में हमारा अपना देवस्थान ध्वस्त हो गया था.




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