यूपी- 10 साल की जेल, 14 लाख जुर्माना… डूंगरपुर के किस मामले में फंस गए आजम खान? – INA
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर बस्ती के एक और मामले में दोषी करार दिया है. कोर्ट ने इस मामले में 10 साल की जेल और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस दौरान एक और आरोपी बरकत अली को भी दोषी ठहराया है. कोर्ट ने बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आजम खान और ठेकेदार बरकत अली को लूट, मारपीट, गाली-गलौज, बस्ती को खाली कराने के लिए साजिश रचने के मामले में दोषी पाया है.
आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में हैं, और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह कोर्ट में पेश हुए. डूंगरपुर बस्ती का मामला 2016 का है जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. लेकिन, इस पूरे मामले में राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 2019 में रामपुर के गंज थाने में 12 लोगों ने आजम खान के खिलाफ 12 अलग-अलग मामले दर्ज करवाए थे. इन 12 मामलों में से कोर्ट 4 में फैसला सुना चुकी है. इनमें से 2 में आजम खान को बरी किया गया है वहीं 2 में सजा सुनाई गई है.
गुरुवार को जिस मामले में सजा सुनाई गई है उसमें आजम खान और ठेकेदार बरकत अली पर अबरार पुत्र नन्हें खां ने केस दर्ज कराया था. अबरार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि आजम खान और ठेकेदार बरकत अली ने उनके घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की है. आजम खान के वकील ने बताया कि वादी ने आजम खान के खिलाफ आरोप लगाया था कि आजम और बरकत ने उसका घर जबरन खाली करवाया, और उसके साथ मारपीट की और बाद में घर के ऊपर बुलडोजर चलवा दिया.
10 लाख का जुर्माना भी
इस मामले में रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम खान पर 14 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को 10 साल और बरकत अली को 7 साल की जेल की सजा सुनाई है.
क्या है डूंगरपुर मामला
दरअसल डूंगरपुर एक इलाका है जो कि रामपुर के पुलिस लाइन इलाके के पास है. यहां पर आसरा नाम की कॉलोनी बनाई गई थी. इसी कॉलोनी को बनाने के लिए इस जमीन पर पहले से बने मकानों को अवैध करार देकर खाली कराया गया था. 2016 में यहां पर कई मकानों को तोड़ा गया था. वहीं एक दरोगा पर आरोप है कि उसने लोगों को डराने के लिए हवाई फायर भी किया था. नन्हें खां के बेटे अबरार ने अपनी शिकायत में आजम के खिलाफ वाशिंग मशीन, घर में रखे जेवर और 5 हजार रुपये नकद लूट का आरोप भी लगाया था.
Source link