यूपी – दूसरों की छोड़ी सिगरेट पी जाता था ये अरबपति, जानें कौन था आजाद भारत का ये पहला रईस? #INA

Usman Ali Khan: जब 15 अगस्त 1947 को जब हमारा देश आजाद हुआ, तो उस वक्त देश का सबसे धनी व्यक्ति मीर उस्मान अली खान थे. मीर उस्मान अली खान ने 1911 में हैदराबाद के निज़ाम के रूप में सत्ता संभाली और 1947 तक वे इस प्रतिष्ठित पद पर बने रहे. उनकी संपत्ति और संसाधनों का असीमित भंडार ने ही उन्हें भारत का पहला अरबपति बनाया..

उस दौर में, मीर उस्मान अली खान के पास न केवल विशाल स्वर्ण और बहुमूल्य रत्नों का संग्रह था, बल्कि उनके ऐश्वर्य और विलासिता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके बगीचों में सोने की ईंटों से भरे ट्रक खड़े रहते थे! इस आर्टिकल में चलिए जानें उनकी इसी अमीरियत को बेहद करीब से…

हीरा और लग्जरी का संग्रह

मीर उस्मान अली खान के पास 185 कैरट का जैकब हीरा था, जिसकी कीमत आज के हिसाब से लगभग 1340 करोड़ रुपये थी. उनके पास इतनी समृद्धि थी कि सोने की ईंटों से भरे ट्रक उनके बगीचे में खड़े रहते थे. उनकी संपत्ति में महंगी कारों का विशाल कलेक्शन और एक प्राइवेट प्लेन भी शामिल था. मीर उस्मान अली खान के पास 50 रोल्स-रॉयस कारें थीं, और यदि रोल्स-रॉयस मोटर कार्स लिमिटेड ने उन्हें नई कारें बेचने से इनकार किया, तो उन्होंने कुछ पुरानी कारों को खरीद लिया और उनका उपयोग कचरा फेंकने के लिए किया!

संपत्ति का अनुमान

मीर उस्मान अली खान की कुल संपत्ति का अनुमान लगभग 230 अरब डॉलर (करीब 18 लाख करोड़ रुपये) था. यह संपत्ति उस समय की अमेरिका की GDP का लगभग 2 फीसदी थी. उनकी संपत्ति का अधिकांश भाग गोलकुंडा की हीरे की खदानों से प्राप्त हुआ था, जिससे वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में चौथे स्थान पर आते हैं.

ऐतिहासिक योगदान और उपाधियां

मीर उस्मान अली खान ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों को हथियार और पैसे भेजकर महत्वपूर्ण मदद की. उन्होंने एक टकसाल भी बनवाया और उन्हें ‘नाइट ग्रैंड कमांडर ऑफ स्टार ऑफ इंडिया’ की उपाधि प्राप्त हुई.

सादगी और कंजूसी

दिलचस्प बात यह है कि इतनी समृद्धि के बावजूद, मीर उस्मान अली खान अपनी सादगी और कंजूसी के लिए मशहूर थे. वे बिना इस्त्री किए कुर्ता-पजामा और साधारण चप्पल पहनते थे. उनके घर का वातावरण भी साधारण था: पुराना पलंग, टूटी टेबल, और साधारण दरी पर खाना खाते थे. वे मेहमानों द्वारा छोड़ी गई सिगरेट भी नहीं छोड़ते थे और उसकी बची हुई सिगरेट को भी पी जाते थे. 

मीर उस्मान अली खान की कहानी आज भी हमें यह सिखाती है कि अमीर होना और साधारण जीवन जीना एक साथ कैसे संभव हो सकता है. उनकी जीवनशैली और संपत्ति का मिश्रण भारत के इतिहास का एक अनमोल हिस्सा है.


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