यूपी – यूपी वासियों को मिली पहली स्लीपर वंदे भारत की सौगात, जानें क्या है ट्रेन की खासियत #INA

यूपी वासियों को एक के बाद एक वंदे भारत की सौगात मिलती नजर आ रही है. जल्द ही कानपुर के लोगों को स्लीपर वंदे भारत एक्स्प्रेस की सौगात मिलने जा रही है. इस ट्रेन का संचालन नवंबर माह के अंत तक शुरू किया जा सकता है. यह पहली स्लीपर ट्रेन होगी. जिसकी सुविधा यूपी वासियों को मिलने जा रही है. इससे पहले दो वंदेभारत एक्सप्रेस एसी चेयरकाल की सुविधा यूपी वासियों को दी जा चुकी है. एक ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी और दूसरी पटना से नई दिल्ली तक चल रही है, लेकिन अब पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन जल्द चलने जा रही है. 

कानपुरियों का आसान होगा सफर

यह ट्रेन नई दिल्ली से पटना तक चलेगी, जिसका सेंट्रल ठहराव कानपुर में होगा. जिससे कानपुरियों के लिए नई दिल्ली और पटना तक के लिए सफर करना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि राजधानी एक्सप्रेस के रैक भी वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक में कंवर्ट किए जाने की योजना है. वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच हरा सिग्नल मिलते ही कुछ ही सेकेंड में लॉक हो जाते हैं.

यूपी वासियों को मिली पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन की सौगात

इसके अलावा बरेली वासियों को भी वंदे भारत एक्सप्रेस की सौगात मिलने जा रही है. इसे लेकर काम शुरू हो चुका है. जिसके बाद एक महीने तक स्पीड ट्राइल किया जाएगा. यह ट्रेन बरेली से मुंबई तक चलेगा. वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन 1600 किमी की दूरी तय करेगी. इसके साथ ही सहारनपुर-प्रयागराज के बीच भी वंदे भारत एक्सप्रेस चलाया जाएगा. यह मुरादाबाद मंडल की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन होगी. इसे लेकर रेलमंडल को लेटर भी लिखा जा चुका है. इन ट्रेनों के रूट भी तय किए जा चुके हैं. फिलहाल रेलवे वैकल्पिक रूटों पर भी चर्चा कर रही है. बावजूद इसके रेलवे के नोटिफिकेशन का इंतजार किया जा रहा है. 

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2019 में चली पहली वंदे भारत ट्रेन 

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बीजी रेल नेटवर्क में से एक हैं. यूं तो हमारे देश में पहले से राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनें थी, लेकिन 2017 में पहली बार रेलवे ने सेमी हाई स्पीड ट्रेनों के विकास की योजना बनाई. जिसके बाद महज 18 महीने में ही भारतीय इंजीनियरों और टेक्नीशियनों ने साल 2018 में पहला प्रोटोटाइप तैयार किया गया और फिर इसका परीक्षण शुरू हुआ. 18 फरवरी, 2019 को देश की पहली वंदे भारत ट्रेन चलाई गई. इसका ट्रायल वाराणसी से लेकर दिल्ली के बीच हुआ था. इस ट्रेन को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई. इसके बाद से लगातार वंदे भारत ट्रेनों का विकास किया जा रहा है. 

जानें क्या है वंदे भारत की खासियत

एक वंदे भारत ट्रेन को बनाने की लागत करीब 100 करोड़ रुपये लगती है. यह ट्रेन करीब 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है. इस ट्रेन में एरोडायनामिक डिजाइन है. ट्रेन का निर्माण चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री तैयार कर रही है.


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