यूपी – केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान: दुनिया की पहली पुस्तक ऋग्वेद, हिंदी भाषा के प्रचार में फिल्मों की भूमिका अहम – INA

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि हिंदी भाषा के प्रचार में हिंदी फिल्मों में अहम योगदान है। गैर हिंदी भाषी राज्यों के लोग भी हिंदी फिल्मों के गीतों को समझते हैं और गुनगुनाते भी हैं। कहा कि हिंदी को समृद्ध बनाने के लिए देश की दूसरी भाषाओं का भी सम्मान व आदर करना होगा।

वह शनिवार को नगर के एक बरातघर में संस्कार भारती व हिंदी विश्व मंच की ओर से आयोजित हिंदी महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे थे। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि दुनिया की सबसे पहली पुस्तक ऋग्वेद है। इससे पहले सभी कुछ मौखिक था।

इसी प्रकार अमीर खुसरो हिंदी के पहले कवि थे, जिनकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। कहा कि भारत बहुभाषी देश है। यहां तमाम तरह की बोली, भाषा, परंपराएं, रस्मो-रिवाज, दर्शन व साहित्य के बावजूद हिंदी देश को एकसूत्र में पिरोने का कार्य कर रही है। विविधता का आदर करना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है।

यदि हिंदी को समृद्ध बनाना है तो देश के अन्य भाषाओं को भी आदर व सम्मान देना होगा। केरल का एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि वह एक दिन केरल में कही जा रहे थे। उनको एक हिंदी फिल्म का बहुचर्चित गीत सुनाई दिया। उत्सुकता हुई कि केरल में हिंदी का गीत कौन सुन रहा है।

देखा एक दुकान पर वह फिल्मी गीत बज रहा था और वहां खड़े केरल के लोग उसका आनंद ले रहे थे। इससे साफ है कि हिंदी के प्रचार में हिंदी फिल्मों की अहम भूमिका है। उन्होंने लोगों से हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करने की अपील की। वहीं, इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. यतींद्र कटारिया की पुस्तक हिंदी विश्व यात्रा और मैं का विमोचन भी किया।

साथ ही महोत्सव में हिंदी साहित्यकारों व कवियों को प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इनमें चेतन आनंद, संजीव कुमारी, राकेश छोकर, राकेश आर्य, राजेंद्र टंडन, अनुराग मिश्रा, वीपी चौधरी, अभिताभ खरे आदि शामिल हैं। अध्यक्षता विधान परिषद सदस्य व पूर्व केबिनेट मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह ने की।

राज्यपाल कोई रबर स्टांप नहीं 

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के साथ विवादों के कारण चर्चा में रहे राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि राज्यपाल का पद संवैधानिक है। राज्यपाल को संविधान के दायरे में रहकर काम करना होता है। मीडिया से संक्षिप्त वार्ता के दौरान पूछे गए सवाल गैर भाजपाई राज्यों में राज्यपाल का वहां के मुख्यमंत्री के साथ क्यों विवाद रहता है?।

इस पर जवाब देते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राज्यपाल कोई रबर स्टांप नहीं है। राज्यपाल को संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ विवादों से इनकार करते हुए कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाली संस्था में नियुक्ति मेरिट के आधार पर की जाएगी न कि राजनैतिक नफा-नुकसान देखकर।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व वहां के राज्यपाल के बीच विवाद पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के अधिकार संविधान में स्पष्ट किए गए हैं। कोई भी व्यक्ति संविधान में दिए गए अधिकारों व अपनी मर्यादा का उल्लंघन करेगा तो टकराव होना निश्चित है।


Credit By Amar Ujala

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