यूपी – UP: अंतरराज्यीय चोर व टप्पेबाज गैंग की दो महिलाएं गिरफ्तार, जेब में रखती थीं नकली जेवर, मौका पाकर बदल देती थीं – INA

कानपुर के रायपुरवा पुलिस ने जेब में नकली चेन-अंगूठी रखकर सराफा कारोबारियों से टप्पेबाजी करने वाली दो शातिर महिला टप्पेबाजों को जीटी रोड से गिरफ्तार किया है। महिलाएं सराफा दुकान में जाकर जेवर खरीदने के बहाने कारोबारी को नकली आभूषण थमाकर असली माल पार कर देते थीं। दोनों के पास से पुलिस ने चोरी की कई अंगूठी और तीस हजार रुपये बरामद किए हैं।

पकड़ी गई दोनों महिला टप्पेबाजों की पहचान शिवम एन्क्लेव जूही कला निवासी पूनम यादव और जरौली फेस टू नाले के पास बर्रा छह निवासी माया तिवारी के रूप में हुई है। दोनों ही यूपी और राजस्थान में सराफा कारोबारियों को निशाना बनाकर टप्पेबाजी और चोरी की वारदातों को अंजाम देती थीं। 26 जुलाई को दोनों रायपुरवा निवासी सराफा कारोबारी शुभम अग्रहरि की श्री आनंदेश्वर ज्वैलर्स नाम से संचालित दुकान में अंगूठी खरीदने के लिए पहुंची। अंगूठियों को देखने के दौरान एक ने अंगूठी का वजन करने को कहा।


जैसे ही अंगूठी के बॉक्स से शुभम व कर्मियों की नजर हटी, वैसे ही दूसरी महिला ने नकली अंगूठी बॉक्स में रखकर असली पार कर दी। साथ ही महंगी होने का हवाला देकर अंगूठी खरीदे बिना दोनों चली गई। चूंकि बॉक्स में कई अंगूठियां थी, इसलिए उस समय वह पकड़ नहीं सके। हालांकि बाद में जब सीसीटीवी फुटेज चेक की तो मामला पकड़ में आ गया। रायपुरवा थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि सराफ के रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस ने दोनों महिलाओं की तलाश में जुटी थी।


अंतरराज्यीय गैंग से जुड़ी हैं महिलाएं
थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों महिलाएं अंतरराज्यीय गैंग से जुड़ी हैं। माया और उसके गैंग के खिलाफ वाराणसी के सिगरा थाना पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई भी की है। इस मामले में दोनों फरार चल रही है। यही नहीं, पूनम के खिलाफ बुलंदशहर, जौनपुर, चित्रकूट और कानपुर के बर्रा थाने में चोरी और टप्पेबाजी के पांच मामले दर्ज हैं। जबकि माया तिवारी के खिलाफ इटावा, वाराणसी, जौनपुर, मथुरा, मेरठ और कानपुर के पनकी थाने में सात मामले दर्ज हैं। कानपुर पुलिस ने सिगरा थाना पुलिस को दोनों महिलाओं की गिरफ्तारी की सूचना दे दी है।

 


जौनपुर में वारदात के दौरान मिली थी दोनों
थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों महिलाएं एक वारदात के दौरान जौनपुर में मिली थीं। इसके बाद वह लोग साथ में मिलकर वारदात करने लगीं। टप्पेबाजी के लिए दोनों पहले सोने की नजर आने वाली नकली अंगूठी या चेन बनवाती थी। फिर जेवर खरीदने के बहाने किसी दुकान पर जाकर कारोबारी या कर्मचारी को बातों में उलझाकर नकली को असली से बदल लेती थीं।


Credit By Amar Ujala

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