देश – न्यायपीठ बाल कल्याण समिति ने लिया संज्ञान, स्वस्थ घोषित कराने के बाद समिति के समक्ष प्रस्तुत करें – #NA

Ghaziabad News :
न्याय पीठ बाल कल्याण समिति गाजियाबाद के द्वारा चौकी इंजार्ज पुष्पेंद्र सिंह के बिना विधिक प्रक्रिया पूरी किए अपने घर ले जाने के मामले में संज्ञान लिया है। इस संबंध में न्याय पीठ के द्वारा वेव सिटी थाना प्रभारी एवं चौकी इंचार्ज को निर्देशित किया गया कि नवजात बच्ची को तुरंत एमएमजी हॉस्पिटल गाजियाबाद में नर्सरी में भर्ती करवाएं। इसके साथ ही अस्पताल के द्वारा बच्ची को स्वस्थ घोषित किए जाने पर न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। बता दें बच्ची डासना क्षेत्र में रजवाहे के पास से लावारिस हालत में बरामद हुई थी।

एडॉप्शन के लिए पहले विधिक प्रक्रिया पूरी करना जरूरी

किशोर न्याय अधिनियम- 2015 के तहत गठित न्यायापीठ बाल कल्याण समिति द्वारा जिले के समस्त CNCP( चाइल्ड इन नीड एंड ऑफ केयर एंड प्रोटक्शन) एवं लावारिस शिशु की समस्त जिम्मेदारी एवं संरक्षण लेने का प्रावधान है। पुलिस बल अथवा कोई भी व्यक्ति इस प्रकार किसी भी बच्चे व बच्ची को विधिक रूप से गोद नहीं ले सकता। बालक- बालिकाओं को विधिक रूप से गोद लेने हेतु शासन के अंतर्गत कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

गोद देने से पहले माता- पिता का चयन किया जाता है

भारत सरकार द्वारा स्थापित Central Adoption Resource Authority (CARA) नामक कानूनी संस्था द्वारा स्थापित तकनीकी प्रक्रिया से चयनित माता-पिता की पूर्णतया जांच कर लेने के उपरांत बच्चों को विधिक रूप से गोद, देने का कार्य संपन्न करवाया जाता है। बिना विधिक प्रक्रिया पूरी किए बिना किसी को भी बच्चे को गोद लेने का अधिकार नहीं है। कोई भी बच्चा यदि लावारिस हालत में मिलता है तो उसे न्याय पीठ कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है।

 

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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम

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