खबर शहर , Hamirpur: अपमान का बदला लेने के लिए दोस्त ने साथियों संग मिलकर की थी युवक की हत्या – INA

हमीरपुर जिले में जरिया थानाक्षेत्र के पवई गांव स्थित एक निजी नलकूप के हौज में युवक की हत्या कर शव फेंका गया था। इस मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। सात अक्तूबर की रात हुई हत्या में तीन आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा है। मुख्य आरोपी ने अपमान का बदला लेने को साथियों संग मिलकर हत्या को अंजाम दिया था।

जरिया पुलिस को बीते 08 अक्तूबर को पवई गांव में भूपसिंह राजपूत के नलकूप के हौज में एक शव मिला था। शव की पहचान गांव के ही प्रदीप गुप्ता के रूप में हुई थी। पिता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। एसपी ने टीमें बना घटना का जल्द खुलासा करने के निर्देश दिए थे। विवेचना के क्रम में पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर प्रकाश में आए गांव के ही आरोपी सुशील राजपूत, अस्पेंद्र उर्फ अप्पू व हरिश्चंद्र को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के नीचे बीरा गांव के पास से पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। पूछताछ में मुख्य आरोपी सुशील ने पुलिस को बताया कि प्रदीप से उसकी रंजिश थी।

बताया कि उसका गांव की ही एक महिला से प्रेम प्रसंग था। एक बार जब वह महिला के घर में उससे मिलने गया तो प्रदीप ने यह बात उसके पति को बता दी। तब उसे छत से कूदकर भागना पड़ा। इसी अपमान का बदला लेना चाहता था। दिन भर हुए विवाद और अपमान को बर्दाश्त न कर पाने के कारण उसने प्रदीप की हत्या कर दी। आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में जरिया थाना प्रभारी निरीक्षक भरत कुमार, दारोगा रमाकांत शुक्ला, हेड कांस्टेबल शिवेंद्र व कांस्टेबल कपिल कुमार शामिल रहे।


यह रहा घटनाक्रम
जरिया थाने के इंस्पेक्टर भरत कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपी प्रदीप कुमार के करीबी मित्र और नशे के आदी हैं। प्रदीप पत्नी से झगड़ा कर घर में अकेले रहने लगा। सात अक्तूबर को प्रदीप ने सुबह से ही नशा कर लिया और बाद में अपनी परचून की दुकान खोली। गुस्से में अपना मोबाइल तोड़ दिया। बाद में दुकान बंद कर गांव निवासी सुशील राजपूत की मड़ईया गया और उसे लेकर मोबाइल ठीक कराने राठ गए। राठ बाईपास पर शराब पीने के बाद मोबाइल दुकान में देकर वापस गोहांड स्थित सत्तू ढाबा पर आकर चार लोगों के लिए खाना पैक कराया। वहां से लोग गांव के शराब ठेके पर गए।

सेल्समैन को प्रदीप ने खाना दिया। इसी दौरान सुशील ने अपने लिए खाना मांगा तो प्रदीप ने मना कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ। शेष खाना लेकर प्रदीप अपने पिता के घर पहुंचा। दरवाजा न खुलने पर लाया हुआ खाना दहलीज पर रखकर अपने मित्र अस्पेंद्र उर्फ अप्पू की किराने की दुकान पर गया। वहां हरिश्चंद्र उर्फ किल्लू मौजूद था। उसने प्रदीप के साथ शराब पी। बाद में प्रदीप वहीं पड़े तखत पर लेट गया और अस्पेंद्र व हरिश्चंद्र दोनों राठ कस्बा दुर्गा पूजा देखने चले गए।


रात 12 बजे लौटने के बाद प्रदीप, अस्पेंद्र व हरिश्चंद्र सुशील की मड़ईया पहुंचे और चारों लोगो ने जुआ खेला। सुशील 1500 रुपये हार गया, जिस पर प्रदीप ने सुशील को गाली देते हुए बेइज्जत किया और एक थप्पड़ भी मार दिया। वहीं प्रदीप ने अस्प्रेंद्र और हरिश्चंद्र के रुपये भी जीत लिए। शोरगुल होने पर चारों लोग वहां से देवीदीन के खेत में जाकर जुआ खेलने लगे। अस्पेंद्र और हरिश्चंद्र ताश पत्ते में इधर-उधर करके प्रदीप को हराने लगे। इसी दौरान प्रदीप भी जुएं में सारे रुपये हार गया। यह देख सुशील को फिर हंसी आ गई। इस पर फिर प्रदीप उसे गाली देने लगा। इससे नाराज सुशील ने तारबाडी का डंडा निकालकर प्रदीप के सिर पर वार कर दिए। प्रदीप के बेहोश होने पर उसके लोवर का नाड़ा उसकी गर्दन में लपेट तीनों ने कुछ दूर खींचा। नाड़ा टूट जाने के बाद तीनों उसके शव को घसीटकर नलकूप में ले गए और हौज में फेंक दिया। वहीं लकड़ी से शव को पानी में दबा दिया। प्रदीप से जीते रुपये आपस में बांट लिए।


Credit By Amar Ujala

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