खबर शहर , Agra News: पुलिस को गवाही देने पर हुआ था सामूहिक नरसंहार – INA

संवाद न्यूज एजेंसी

मैनपुरी। पुलिस मुठभेड़ में वर्ष 1980 में बदमाशों के गिरोह के दो सदस्यों के पकड़े जाने पर पुलिस के गवाह बने चार लोगों से रंजिश मानकर सामूहिक नरसंहार को अंजाम दिया गया था। विवेचना में गवाहों ने इस संबंध में पुलिस को बयान दर्ज कराए थे। पुलिस के गवाह बने एक गवाह के परिवार के दो मासूमों सहित 25 लोगों की हत्या की गई थी।

थाना जसराना के गांव दिहुली में वर्ष 1980 में पुलिस की राधे संतोषा के गिरोह से मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ में गिरोह के दो सदस्य हथियारों के साथ पकड़े गए थे। पुलिस ने गांव दिहुली के ही रहने वाले अनुसूचित जाति के अगनलाल, बालकराम, मेघराज, मिट्ठूलाल को गवाह बनाया था।

चारों ने पुलिस की विवेचना में पकड़े गए बदमाशों के खिलाफ अपने बयान भी दर्ज कराए थे। राधे संतोषा ससहित गिरोह के सदस्यों ने चारों गवाहों को गवाही देने पर जान से मारने की धमकी दी थी।

जब पुलिस मुठभेड़ का मुकदमा अदालत में चला तो बदमाशों ने गांव दिहुली में सबक सिखाने का ऐलान किया। 18 नवंबर 1981 को दिहुली में हुए सामूहिक नरसंहार में अनुसूचित जाति के 25 लोगों की हत्या कर दी गई। इसमें पुलिस के गवाह बने अगनलाल के चचेरे भाई वेदराम के पुत्र भरत सिंह और दाताराम को बदमाशों ने गोलियों से भून दिया था। वेदराम दिहुली हत्याकांड के चश्मदीद गवाह हैं। उनकी इस मुकदमे में गवाही भी हो चुकी है।र


Credit By Amar Ujala

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