खबर शहर , Agra News: कोर्ट का आदेश न मानने पर तीन… तो दलित उत्पीड़न और मारपीट के दोषी को चार वर्ष कारावास की सजा – INA

उत्तर प्रदेश के आगरा में कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करना दो आरोपियों को भारी पड़ा। सीजेएम ने हरीपर्वत थाना क्षेत्र के नवीशाह की दरगाह निवासी जफर उर्फ शानू और लंगड़े की चौकी निवासी राहुल को दोषी पाते हुए उन्हें तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई।

जगदीशपुरा थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार तत्कालीन निरीक्षक डीके सिसौदिया ने बीते एक मार्च 2017 को तहरीर दी। इसमें आरोप लगाया कि हरीपर्वत थाना क्षेत्र के नवीशाह की दरगाह निवासी जफर उर्फ शानू और लंगड़े की चौकी निवासी राहुल के खिलाफ कोर्ट से धारा 82 की नोटिस जारी हुई थी। 


पुलिस टीम ने आरोपियों के घर नोटिस का तामिला भी कराया था। इसके बाद भी आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। मुकदमा दर्ज करने के दूसरे दिन पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


दलित उत्पीड़न और मारपीट के दोषी को चार साल कारावास

घर में घुसकर सफाई कर्मी के साथ मारपीट और दलित उत्पीड़न के मामले में अदालत ने थाना इरादत नगर क्षेत्र के गांव खेड़िया निवासी गिर्राज सिंह को दोषी पाया। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट राजेंद्र प्रसाद ने दोषी को चार साल कारावास के साथ 41 हजार रुपये जुर्माने लगाए जाने की सजा सुनाई।
 


थाना इरादतनगर थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार डालचंद ने तहरीर दी थी। इसमें आरोप लगाया कि उनका भाई मानिक चंद गांव में ही बंगाली बाबू के कार्यालय पर साफ सफाई का काम करता था। एक दिन भाई को आवश्यक कार्य से रिश्तेदारी में जाना पड़ गया। जिस कारण वह दो दिन काम पर नहीं जा सका। 
 


इस बात से नाराज होकर 19 जनवरी 2007 की सुबह 9 बजे आरोपी गिर्राज सिंह और उसके पिता बंगाली बाबू उसके घर में घुसकर उसे गालियां देने लगे। बाद में मारपीट कर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किए। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया था। बेटे की पत्रावली उसके पिता से अलग कर दी गई थी।


Credit By Amar Ujala

Back to top button