खबर आगरा: सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा कि कुलपति से मांग, डॉ भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की सीनेट का चुनाव कराएँ – INA
आगरा। डा भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है और उसकी गरिमामयी रही छवि को पुनर्स्थापित करने का हर भरसक प्रयास किया जा रहा है। यह कहना है विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.आशुरानी का जो कि सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनिधियों से औपचारिक मुलाकात के दौरान चल रहे सुधार के कार्यों पर चर्चा कर रही थीं।उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी राज्य सरकार के तहत संचालित स्वायत्तशासी संस्था है एक्ट के तहत जो भी प्राविधान है वे लागू होगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का सीनेट हाल अत्यंत भव्य है,यह अन्य प्रयोजनों के लिए पिछले काफी समय से इस्तेमाल हो रहा है किंतु आने वाले समय में यह सीनेट और विश्वविद्यालय के विभागों,कमेटियों आदि की आधिकारिक बैठकों के लिये उपयोग में लाया जाना शुरू हो जायेगा।
सीनेट के चुनाव
प्रो.आशु रानी ने कहा कि उन्होंने सीनेट का चुनाव करवाये जाने को पूरी गंभीरता से लिया है और इसके लिये आगामी कार्यवाही करवाने को कहा है।एक जानकारी में उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में सुधार के लिए उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं ,विश्वविद्यालय के चारों परिसरों में इसका आकलन किया जा सकता है।नीतिगत तौर पर विद्यार्थियों का हित उनके लिए सर्वोपरि है।उपरोक्त को दृष्टिगत जो भी उनके संज्ञान में लाया जाएगा, उसका समाधान जरूर करवायेंगी।
अब डाटा गायब नहीं होंगे,क्लाउड खरीदा
वीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय के डाटा आदि गायब होने और उनमें हेराफेरी आदि की घटनाओं पर अब पूरी तरह से नियंत्रण किया जा चुका है।विश्वविद्यालय का अब अपना ‘क्लाउड’ है।सारे पुराने रिकॉर्ड अपडेट करवाये जाने का कार्य प्रगति पर है।उन्होंने कहा कि ज्यादातर खामियां पिछले तीस साल का कालखंड की है,जिन्हे दूर किया जा रहा है।इनके दूर होते ही विश्वविद्यालय का सारा रिकार्ड अपडेट हो जायेगा।प्रो.आशु रानी ने कहा कि सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा , ने आडिट रिपोर्ट के अनुसार कंप्लांस करवाने को उठाया गया मुद्दा वह गंभीरता से लेती हैं।वित्ता विभाग के अधिकारियों से उपयुक्त समाधान के लिये वह कहेंगी,वैसे वह पूर्व में भी विश्विवद्यालय के प्रबंधन में पारदर्शिता के लिये प्रयासरत है, कोई भी खरीद फरोख्त शासन के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही की जाती है।
सेंट्रल लाइब्रेरी का आधुनिकीकरण
डॉ आशु रानी ने विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन करवये जाने को चल रहे प्रयास की जानकारी दी।उन्हों ने कहा कि लाइब्रेरी की जीरो इंडेक्स फिर से समृद्ध हो गई है।उसमें भरपूर रैफ्रेंस बुके उपलब्ध हैं।आगरा के इतिहास से संबंधित साहित्य सहित तमाम शोधपरक पुस्तके लाइब्रेरी में मौजूद है। उन्होने बाया कि विश्विवद्यालय के द्वारा एक म्यूजियम भी बनाया गया है। लाइब्रेरी और म्यूजियम आने वाले समय में जनसामान्य के लिए भी उपलब्ध होंगे।
ऑडिट रिपोर्ट के अब्जेक्शन के प्रति गंभीरता
प्रो.आशुरानी ने कहा कि सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने आडिट रिपोर्ट के अनुसार कंप्लांस करवाने को उठाया गया मुद्दा वह गंभीरता से लेती हैं।वित्ता विभाग के अधिकारियों से उपयुक्त समाधान के लिये वह कहेंगी,वैसे वह पूर्व में भी विश्विवद्यालय के प्रबंधन में पारदर्शिता के लिये प्रयासरत है, कोई भी खरीद फरोख्त शासन के द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही की जाती है।
एक्ट में उल्लेखित संस्थान चालू रखे जायें
सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने विश्वविद्यालय के केएम हिन्दी इंस्ट्रीट्यूट (K M Hindi Institute),सोशल साइंस इस्टीट्यूट (Institute of Social Sciences) और गृह विज्ञान संस्थान (Home Science Institute) को उनकी गारिमामयी उपलब्धियों और राष्ट्रीय पहचान को दृष्टिगत हर हाल में यथावत संचालित रखने का अग्रह किया।
पचनदा प्रोजेक्ट के लिये प्रो.कठैरिया का योगदान
कुलपति ने उ प्र की सबसे बडी और बहुउद्देशीय चम्बल और यमुना नदी सहित पांच नदियों पर डैम बनाए जाने की ‘पचनादा डैम ‘ योजना के महत्व से सहमति जताई और कहा कि निश्चित रूप से यह योजना पूरी होने पर बहुउपयोगी साबित होगी।सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने उनसे वि वि के प्रौफेसर राम शकर कठेरिया द्वारा सांसद के रूप में उनके रहे इस योगदान को सकारात्मक एवं अन्यों को प्रेरक कार्य के रूप में प्रचारित करने का आग्रह के आग्रह सहित उपयुक्त अवसर पर उन्हें सम्मानित करने का आग्रह किया।
लोकउपयोगी स्टैडी प्रोजेक्ट
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के द्वारा आगरा ही नहीं समूचे बृज मंडल से जुडी ट्रैफिक की समस्या व पानी की कमी को लेकर विवि की ओर से जनसरोकारों व लोकपकारी अध्ययनों के तहत उपरोक्त का अध्ययन और समाधान ढूंढने के लिये प्रोजेक्टों को शुरू करवाने का आग्रह किया।
आगरा की गहराती जल समस्या पर हो सेमिनार
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने आगरा में गहराती पानी की समस्या को लेकर एक सम्मेलन या सैमीनार आयोजित करने का आग्रह किया, जिससे पानी पर आगरा की जल समस्य और उसके समाधान को दिशाहीनता की स्थिति समाप्त हो ‘आधिकारिक डौक्यूमेंट’/तथ्यपत्र उपलब्ध हो सके। सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा की ओर से जनपद की जलसमस्य के कारणों को दर्शाने वाले प्रेस फोटो ग्राफर श्री असलम सलीमी के चित्रों की एक प्रदर्शनी आयोजित करवाने का अनुरोध किया ।इन चित्रों में से अधिकांश आगरा की नदियों,जलाशयों और जलवाहिकाओं के वाटरशेड व जलग्राही क्षेत्रों से संबधित संरचनाओं के है।
नौ सूत्रीय ज्ञापन
सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने कुलपति से 7 जून 2024 को उनके खंदारी कैंपस स्थित आवास पर हुई इस मुलाकात के दौरान एक 9 सूत्रिय ज्ञापन एवं प्रो.राम शंकर कठैरिया को उनके सांसद के रूप में प्रदेश की सबसे महत्वकांक्षी जल प्रबंधन योजना की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन के लिये रही पहलों को आदर्श प्रयास के रूप में लेकर सम्मानित करने को भी आग्रह पत्र देकर अनुरोध किया गया।
फिलहाल तो उम्मीदें हैं
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सैकेट्री अनिल शर्मा ने इस मुलाकात को एक सकारात्मक पहल बताते हुए कहा है कि उनका प्रयास है कि विश्विद्यालय में पिछले कई दशकों से चल रही रिक्तियों को निश्चित प्रक्रिया के तहत ही भरा जाये।वैसे अगर कुलपति महोदया सीनेट का चुनाव करवा सकीं तो दशकों से चली आ रही तमाम अनियमित्तायें स्वत: ही दूर हो जायेंगी।उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय को सामाजिक सरोकारों से संबधित प्रोजेक्टों को लेकर पहल करनी चाहिये ,समाज विज्ञान संस्थान और युवा गतविधियों के तहत विश्विवद्यालय इस प्रकार की पहल पहले करता रहा है। कुलपति से मुलाकात करने वालों में जर्नलिस्ट राजीव सक्सेना और फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी भी साथ में थे।
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