यूपी- दिल्ली छोड़ो लखनऊ का AQI 300 के पार, कैसे UP की राजधानी में बढ़ रहा प्रदूषण? – INA
दिल्ली एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों में सर्दी के बढ़ने के साथ-साथ हवा में प्रदूषण की मात्रा भी बढ़ती जा रही है. लखनऊ की हवा ने इस बार सभी की चिंताएं बढ़ा दी हैं. दीवाली के बाद से ही हवा की स्तर में लगातार गिरावट बनी हुई है और एक्यूआई 300 के पार चला गया है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लखनऊ के लालबाग में एक्यूआई की बात करें तो यह 319 रिकॉर्ड किया गया है जो कि स्वास्थ्य के हिसाब से बहुत खराब स्थिति में रखा जाता है.
लखनऊ के अलावा उत्तर प्रदेश के बाकी शहरों में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है. इसे लेकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की चिंताएं बढ़ रहीं हैं. दिल्ली के आस-पास के राज्यों में पराली जलाने की खबरें आए दिन सामने आ रही हैं, वहीं यूपी के भी कई क्षेत्रों में पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. इससे आस-पास के शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. दीवाली के दौरान हुई आतिशबाजी की वजह भी इसमें शामिल है.
बाकी शहरों का हाल
इतना ही नहीं इंडस्ट्रियल पॉल्यूशन भी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारक है. लखनऊ के दूसरे इलाकों की बात करें तो तालकटोरा में 279, केंद्रीय विद्यालय क्षेत्र में 286, गोमतीनगर में 187, बीआर अंबेडकर विवि में 207 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया है. यूपी के बाकी शहरों के हाल देखें तो गोरखपुर में 169, कानपुर में हवा में प्रदूषण का स्तर लखनऊ की तुलना भी ठीक है लेकिन यह भी खराब स्थिति में है जिसमें किदवईनगर में 120, कल्याणपुर में 151, नेहरूनगर में 172 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया. बरेली में 136, आगरा में अलग-अलग जगहों पर 120 से 170 के बीच एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया.
एक्सपर्ट्स ने दी सलाह
हवा में लगातार प्रदूषण के बढ़ने की वजह से कई लोगों को स्वास्थ्य से संबंधी परेशानियां हो रही हैं. हवा में प्रदूषण की वजह से ज्यादातर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों में फेफेड़ों से संबंधित बीमारियां देखने को मिल रही हैं. बच्चों को ऐसे मौसम में ज्यादा बचाकर रखना चाहिए क्योंकि वायु प्रदूषण बढ़ने से निमोनिया के केसों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. निमोनिया के टीके लगवाने चाहिए और फेफड़ों के इंफेक्शन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेना चाहिए.
Source link