खबर शहर , Agra News: मंजूरी के बाद भी नहीं चली रोडवेज बस – INA

मैनपुरी। घिरोर करहल मार्ग पर मंजूरी के बाद भी रोडवेज बस नहीं चल सकी है। इस मार्ग पर आने-जाने की परेशानी है। इस रूट पर प्राइवेट बसों का संचालन होता है। वह भी नियमित रूप से नहीं चलती हैंं। आने-जाने के लिए ऑटो का ही सहारा है। इससे घिरोर से करहल तक आने जाने के लिए लोगों का समय और रुपया ज्यादा खर्च होता है।

घिरोर और करहल दोनों तहसील मुख्यालय हैं। दोनों स्थानों पर ब्लॉक कार्यालय के साथ ही स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। क्षेत्र के लोग राजस्व के मुकदमों में पैरवी करने के लिए घिरोर और करहल तहसील में जाते हैं। बीमार होने पर इलाज कराने के लिए घिरोर और करहल के स्वास्थ्य केंद्र तक जाते हैं। सवारियों की कमी होने के कारण उनको परेशानी होती है। उच्च शिक्षा पाने के लिए रोजाना कॉलेज जाने वाले छात्र छात्राओं को भी समस्या का सामना करना पड़ता है।

घिरोर करहल मार्ग पर केवल ऑटो ही चलते हैं। घिरोर से कोसमा चौराहे के बाद करहल जाने के लिए दूसरे ऑटो का इंतजार करना पड़ता है। ऑटो भी सवारियां पूरी होने पर ही चलता है। इससे लोगों को समय और रुपया ज्यादा खर्च करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि इस मार्ग पर मंजूरी के बाद भी रोडवेज बस नहीं चल सकी है। क्षेत्र के लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है।

घिरोर और करहल दोनों तहसील मुख्यालय हैं। रोजाना लोग आते-जाते हैं। सवारियों की कमी के कारण आने-जाने में परेशानी होती है। बसों की कमी से लोगों को रोजाना जूझना पड़ता है। रोडवेज बसें चलनी चाहिए।

धर्मवीर राही

घिरोर-करहल मार्ग बहुत व्यस्ततम मार्ग है। इस मार्ग पर परिवहन सुविधा नहीं के बराबर है। 25 किलोमीटर का सफर दो घंटे में ही पूरा हो पाता है। ऑटो दो जगह बदलने से रुपया और समय ज्यादा लग जाता है।

शिवकुमार यादव

यात्रियों की संख्या के हिसाब से रोडवेज बसों का संचालन हो रहा है। इस मार्ग पर अगर मंजूरी मिलेगी तो बस चलाई जाएगी। नई बसें मिलने के बाद नए सिरे से संचालन मार्ग तय किए जाएंगे।

संजीव कुमार, एआरएम


Credit By Amar Ujala

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