Crime – जयपुर में अब एक ऐप की मदद से रुकेंगे सड़क हादसे, ट्रैफिक पुलिस की नई शुरुआत- #INA

प्रतीकात्मक तस्वीर.

राजस्थान की राजधानी और दुनियाभर में गुलाबीनगरी के नाम से अपनी पहचान रखने वाले जयपुर शहर में हर दिन सड़क हादसे बढ़ने लगे हैं. इस साल पिछले चार महीनों की बात करें तो 200 से ज्यादा मौत जयपुर जिले में सड़क हादसों के दौरान दर्ज की गई हैं. लेकिन अब जयपुर की यातायात पुलिस इन हादसों को कंट्रोल करने के लिए नई शुरुआत करने जा रही है.

जयपुर में सड़क हादसों के जो चिन्हित 20 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट्स हैं, उन्हें ट्रैफिक पुलिस जयपुर मैप पर ला रही है. इससे लोगों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र की जानकारी मैप पर मिल जाएगी. राजधानी जयपुर में पिछले कुछ सालों में सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है. इन हादसों पर नियंत्रण लाने के लिए यातायात पुलिस जयपुर जल्द एक नया प्रयोग करने जा रही है. जिसकी मदद से सड़क पर वाहन चलाते वक्त आपको ये पता चल जाएगा कि सड़क पर ब्लैक स्पॉट यानि दुर्घटना संभावित क्षेत्र कौन सा है.

डीसीपी ट्रैफिक, सागर राणा ने बताया कि इस प्रयोग में एक मैप ऐप की मदद ली जाएगी. इस मैप ऐप में वाहन चालक को वॉइस अलर्ट से स्क्रीन पर ये अलर्ट मिलेगा कि कितनी दूरी पर ब्लैक स्पॉट है जहां एक्सीडेंट होने की संभावना हो सकती है. यानि ऐप की मदद से जयपुर के ब्लैक स्पॉट्स की मैपिंग कर दी जाएगी. इस पहल के लिए मैपिंग करने वाली कंपनी के साथ जयपुर पुलिस ये कदम उठाने जा रही है. संभावित तौर पर राजस्थान इस तरह का प्रयोग करने वाला दूसरा राज्य होगा. इससे पहले पंजाब में ऐसा प्रयोग किया जा चुका है.

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पंजाब में 784 ब्लैक स्पॉट

पंजाब पुलिस ने मैपमाईइंडिया के साथ मिलकर अपने नेविगेशन सिस्टम मैपल्स ऐप पर राज्य भर में सभी 784 दुर्घटना ब्लैक स्पॉट की मैपिंग की है. मैपल्स ऐप का उपयोग करने वाले नागरिकों को पंजाबी में वॉयस अलर्ट प्राप्त होगा, जो यात्रियों को आगे आने वाले ब्लैक स्पॉट के बारे में सचेत करेगा, जिससे पंजाब सड़क सुरक्षा के हिस्से के रूप में दुर्घटना-प्रवण स्थलों का मानचित्र बनाने वाला पहला राज्य बना है. यह ऐप यात्रियों को आवाज के जरिए सचेत करता है कि ब्लैकस्पॉट 100 मीटर दूर है.

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