Crime – UP के जौनपुर में DM दफ्तर के बाहर बांटे गए फर्जी नियुक्ति पत्र, सैलरी भी मिली, फिर ऐसे खुली पोल | Jaunpur Fraud in job gang distributing appointment letters of getting government job- #INA
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी जालसाज कौशल पांडेय
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लाखों रुपये की ठगी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस तरह की ठगी को शहर का एक यूट्यूबर कौशल पांडेय अंजाम दे रहा था. वह बकायदा डीएम ऑफिस के बाहर बैठकर ना केवल नियुक्ति पत्र बांट रहा था, बल्कि वहीं पर रजिस्टर में विवरण दर्ज कर खाते में तनख्वाह भी डाल रहा था. इस तरह से इस जालसाज ने दर्जनों लोगों को गुमराह कर उनकी गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये हड़प लिए हैं.शिकायत मिलने पर जौनपुर पुलिस ने आरोपी को मड़ियाहू रेलवे क्रासिंग के रानीपुर तिराहे के पास से अरेस्ट किया है.
इस जालसाज के एक शिकार शनि तिवारी ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि आरोपी कौशल पांडेय ने डीएम ऑफिस में नियुक्ति के लिए उससे पांच लाख रुपये लिए थे. आरोपी ने डीएम ऑफिस के पास बुलाकर उसे नियुक्ति पत्र दिया और कई महीने तक उसके खाते में सैलरी भी दी. पीड़ित ने बताया कि यहां रजिस्टर पर उसकी हाजिरी भी लगती थी. इसी दौरान जब उसने पूछा कि उसकी नियुक्ति कहां के लिए हुई है तो आरोपी ने गुमराह करने की कोशिश की. शक होने पर उसने एसपी जौनपुर को शिकायत दी थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपी की डिटेल खंगाली और अब उसे अरेस्ट कर जेल भेज दिया है.
नेवढिया गांव का रहने वाला है आरोपी यूट्यूबर
पुलिस के मुताबिक इस जालसाज ने शनि तिवारी ही नहीं, कई अन्य लोगों को भी इसी तरह से फर्जी नियुक्ति पत्र दिए हैं और उनसे भी लाखों रुपये ऐंठने के बाद उनके खाते में पैसे भेज रहा था. पुलिस ने बताया कि आरोपी कौशल पाण्डेय नेवढ़िया थाना क्षेत्र के कनावा गांव का रहने वाला है. वह खुद को एक अखबार का संपादक बताकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देता था. पुलिस के मुताबिक कई पीड़ितों ने आरोपी के खिलाफ अलग अलग थानों में शिकायत दी है.
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गिरोह की पड़ताल में जुटी पुलिस
इस समय आरोपी के खिलाफ करीब एक दर्जन मामले दर्ज हो चुके हैं. इन मामलों में कई पीड़ितों ने बताया है कि आरोपी ने पूरे पैसे पहले ही ले लिए, लेकिन अब तक उन्हें जॉइनिंग लेटर नहीं मिला. पुलिस के मुताबिक इस फर्जी नियुक्ति गिरोह में कौशल पांडेय अकेले नहीं है, बल्कि उसके साथ कई और लोग भी हैं. कुछ सफेदपोश लोग भी इस आरोपी को संरक्षण दे रहे थे.ऐसे में पुलिस अब इन सभी लोगों की पहचान में जुट गई है. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह का मास्टर माइंड खुद कौशल पांडेय है या फिर कोई और.
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