Crime- Khanna Crime: शादी से इनकार करने पर प्रेमिका को जलाया, आरोपी ने खुद को भी लगाई आग, दोनों चंडीगढ़ रेफर -#INA
खन्ना के समराला रोड पर एक युवक ने शादी से इनकार करने पर अपनी प्रेमिका को आग लगा दी। इसके बाद आरोपी ने खुद को भी आग लगा ली। दोनों गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें सिविल अस्पताल खन्ना में भर्ती कराया गया है। जहां से दोनों को गंभीर हालत में चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। युवक 50 फीसदी और युवती करीब 40 फीसदी झुलस गई है।
पीड़िता जसप्रीत कौर के अनुसार हर्षप्रीत सिंह ने उसे पंजाबी बाग स्थित अपने घर बुलाया था। वहां जान से मारने की नीयत से बाइक की टंकी में से पेट्रोल निकालकर उसके ऊपर छिड़क दिया और फिर लाइटर से आग लगा दी थी। आग लगने के बाद वह बाहर भागी और साथ के कमरे में चली गई। वहां कंबल पड़ा था। जिससे उसने आग बुझाई। इसके बाद उसने 108 नंबर पर एम्बुलेंस को फोन किया।
इसी बीच हर्षप्रीत ने खुद को भी आग लगा ली थी। करीब 20 मिनट के बाद 108 एम्बुलेंस आई और दोनों को सिविल अस्पताल खन्ना ले गई। वहां से उन्हें चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया।
जसप्रीत कौर के दोनों हाथ भी बुरी तरह जल गए हैं। सिटी थाना पुलिस ने चंडीगढ़ अस्पताल जाकर जसप्रीत के बयान दर्ज किए। एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में जब बयानों को तस्दीक करने के लिए जसप्रीत हाथ झुलसे होने के कारण साइन नहीं कर पाई। इसके बाद पांव का अंगूठा लगाकर साइन तस्दीक हुए। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
समराला की रहने वाली 27 वर्षीय जसप्रीत कौर लुधियाना में नर्सिंग की ड्यूटी करती है। करीब पांच साल पहले उसकी दोस्ती हर्षप्रीत सिंह निवासी पंजाबी बाग खन्ना से हुई थी। उसका हर्षप्रीत के घर भी आना जाना था। लेकिन बाद में उसे पता चला कि हर्षप्रीत सिंह नशे करने का आदी है। जिस कारण उसने हर्षप्रीत से मिलना कम कर दिया था। हर्षप्रीत उसके ऊपर शादी करने का दबाव बना रहा था।
खन्ना सरकारी अस्पताल की लापरवाही आई सामने
खन्ना के सरकारी अस्पताल में बना बर्न वार्ड चालू हो गया होता तो दोनों का इलाज यहीं पर हो सकता था। पहले भी खन्ना के नजदीकी गांव में दो बच्चे झुलस गए थे। तब सही समय पर इलाज न मिलने पर एक बच्चे की मौत हो गई थी। कुछ दिन पहले अमर उजाला में खबर भी प्रकाशित की गई थी, तब सरकारी अस्पताल के एसएमओ मनजिंदर सिंह भसीन ने कहा था कि हमारे पास प्लास्टिक सर्जन नहीं है, इसलिए बर्न वार्ड चालू नहीं किया गया। वहीं जानकारों ने कहा था कि प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत इलाज के बाद पड़ती है, पहले मरीज की जान को बचाना जरूरी है।