अवैध जुआ : यहां हर दिन लगता है लाखो रुपये का दांव

🔵 सुबह से लेकर शाम तक और शाम से लेकर भोर तक चलता प्रेम नगर चौराहे के समीप जुआ का कारोबार

🔴जुआ कारोबारियों को प्राप्त है तथाकथित कुछ पत्रकारो और पुलिसकर्मियों का संरक्षण

कुशीनगर । यहां हर दिन लाखो रुपये का दांव लगता है, कोई जीत का जश्न रोटी, बोटी और दारु के साथ मनाता है तो कोई हार के गम में मायूस होकर घर लौट जाता है। इस दौरान मारपीट भी होती है मामला पुलिस के पास भी जाता है लेकिन कार्रवाई के नाम पुलिस अपना जेब भरकर दोनो पक्ष को हडका कर वापस भेज देती है।

बात कर रहे कुशीनगर जनपद के कसया थाना क्षेत्र के सपहा प्रेम नगर चौराहे के नहर की पटरी के नीचे बागीचा का, जहां एक  मछली व्यवसायी द्वारा सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक और रात आठ बजे से भोर के तीन बजे तक खुलेआम अवैध रूप से जुआ का अड्डा चलाया  जा रहा है। ऐसा नही है कि इस अवैध कारोबार का किसी को खबर नही है, बूढ़े-बच्चे और नौजवान से लगायत खाकी के लोग भी ताश के पत्ते पर प्रतिदिन हो रहे लाखो रुपये के वारा-न्यारा  से वाकिफ है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन इस कारोबार को रोकने और जुआ कारोबारियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है। यही वजह है कि इस अवैध और गैर कानूनी कारोबार की कोख से चोरी, छिनैती और मारपीट के साथ साथ पारिवारिक कलह भी बढ रहा है

🔴जुआ माफियाओ को प्राप्त है सफेदपोशो का सरंक्षण

कहना ना होगा कि कसया के सपहा, प्रेमनगर व कुशीनगर सहित तुर्कपट्टी व कुबेरस्थान के विभिन्न क्षेत्रों मे संचालित हो रहा अवैध जुआ माफियाओ को कुछ कथित पत्रकार, पुलिसकर्मी व क्षेत्र के सफेदपोशो का सरंक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि यह माफिया अपने अवैध कारोबार को बेखौफ होकर संचालित कर रहे है। सूत्र बताते है कि  कसया के सपहा व प्रेमनगर चौराहे के समीप बगीचे में संचालित जुआ अड्डा पर गोरखपुर, देवरिया, बिहार  व कुशीनगर जनपद के बडे-बडे जुआरियों का जमावड़ा होता रहता है। जानकारों का मानना है कि जुएं के बढते व्यापार के कारण शहर में  चोरी, मारपीट जैसे आपराधिक वारदातों में इजाफा हुआ है। सूत्रों की माने तो जुआ माफिया द्वारा संचालित किए जाने वाले जुएं के खेल में दांव (फड़) लगाने वाले जुआरियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाने के नाम पर भी रुपये लिए जाते हैं। यह रकम जुआरियों से वसूल की जाती है। यही नहीं कारोबारी जुए में हारने वाले जुआरियों को मोटे ब्याज पर कर्ज भी मुहैया करवाते हैं। परिणाम स्वरूप हारने वाले जुआरियों को उधार रुपये देकर कारोबारी उन्हें मोटे ब्याज में फंसा लेते है, फिर कुछ ही दिनों ने ब्याज मूल रकम से दोगुनी हो जाती है, कुछ लोग रकम न चुका पाने के वजह से जुआ माफिया के प्रताड़ना से ब्लैकमेल का शिकार होते है।

🔵 रिपोर्ट – संजय चाणक्य 

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