Crime- सरहद पार से ऑर्डर, टारगेट पर कारोबारी और दनादन फायरिंग… ‘रंगदारी की राजधानी’ बनी दिल्ली!

सरहद पार से ऑर्डर, टारगेट पर कारोबारी और दनादन फायरिंग… ‘रंगदारी की राजधानी’ बनी दिल्ली!

सरेआम, बेखौफ और खाकी को खुली चुनौती देती रंगदारी के लिए फायरिंग की तस्वीरें देश की राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से देखने को मिल रही हैं. पिछले तीन महीने में करीब दो दर्जन से जायदा कारोबारियों से करोड़ों रुपए की रंगदारी के लिए खुलेआम फायरिंग की गई. राजधानी में रंगदारी के लगातार बढ़ते मामलों के पीछे वजह है ‘गैंग्स ऑफ दिल्ली’ के बीच वर्चस्व की लड़ाई. पहले एक गैंगस्टर किसी कारोबारी को रंगदारी के लिए धमकाता है तो कुछ देर बाद ही दूसरे गैंगस्टर द्वारा फायरिंग कर रंगदारी मांगने की वारदात सामने आ जाती है. गैंग्स ऑफ दिल्ली के बीच चल रही वर्चस्व की इस लड़ाई का शिकार कारोबारी बन रहे हैं.

पुलिस सूत्रों की मानें तो अब दिल्ली एनसीआर में अपराधी अलग-अलग नहीं बल्कि संगठित होकर दो गुट में बंट चुके हैं. एक खेमा है साबरमती जेल में बंद लारेंस बिश्नोई का तो दूसरा खेमा है बबीना-हिमांशु भाऊ गैंग का. खुद को एक-दूसरे से बड़ा दिखाने के लिए दो खेमों के गैंग एक के बाद एक रंगदारी के लिए खुलेआम और बेखौफ होकर फायरिंग की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.

ग्रोसरी मार्ट के मालिक से मांगी 5 करोड़ की रंगदारी

बुधवार को भी महज ढाई घंटे के भीतर दिल्ली के दो अलग-अलग इलाकों में रंगदारी के लिए फायरिंग की गई. बाइक पर आए दो नकाबपोश बदमाशों ने मीरा रोड स्थित ग्रोसरी मार्ट के बाहर कई राउंड फायरिंग की और मौके से फरार हो गए. हैरानी की बात ये है कि बदमाशों ने एक दिन यानी मंगलवार को पहले ग्रोसरी मार्ट के कारोबारी को फोन कर पांच करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी. जैसे ही कारोबारी ने पुलिस में शिकायत की बदमाशों ने फायरिंग कर दी.

अभी पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच ही कर रही थी कि तभी द्वारका के छावला इलाके में भी एक सर्विस स्टेशन के मालिक के यहां फायरिंग कर उससे करोड़ों रुपए की फिरौती मांगी गई.

दिल्ली-NCR में कौन-कौन गैंग एक्सटॉरशन कंपनी चला रहे?

लॉरेंस की एक्सटॉरशन कंपनी- लॉरेंस गैंग की रंगदारी वसूलने की रेट लिस्ट तक तैयार की जा चुकी है. लॉरेंस के गैंगस्टरों ने अपने टारगेट के जिंदा रहने की कीमत 50 लाख से लेकर 10 करोड़ तक रखी हुई है. लॉरेंस गैंग के निशाने पर ज्यादातर वो लोग होते हैं, जिनके पास या तो ब्लैकमनी होती है या वो खुद गैरकानूनी तरीके से बेहिसाब दौलत कमा रहे होते हैं, जिसमें बुकी सबसे ज्यादा शामिल हैं.

  • बुकी से 5 करोड़- ज्यादातर दुबई में मौजूद तमाम बुकी की फेहरिस्त लॉरेंस गैंग के पास मौजूद है, जिसमें अधिकतर भारतीय हैं.
  • लग्जरी कारों के शोरूम मालिकों से 5 करोड़
  • म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से 5 करोड़ से 10 करोड़, जिसमें पंजाबी सिंगर्स, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और फाइनेंसर शामिल हैं.
  • बिल्डर से 2 से 5 करोड़
  • ज्वैलर्स से 1 से 2 करोड़
  • प्रॉपर्टी डीलर से 2 से 3 करोड़
  • रेस्टोरेंट और स्वीट शॉप वालों से 50 लाख 1 करोड़
  • सटोरियों से 2 से 5 करोड़
  • अवैध कॉल सेंटर चलाने वालों से 2 से 5 करोड़
  • शराब कारोबारियों से 1 से 3 करोड़
  • हवाला कारोबारियों से 5 से 10 करोड़

लॉरेंस की इस एक्सटॉरशन कंपनी को दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग गैंग जॉइन कर चुके हैं, जो लॉरेंस और उसके भाई अनमोल बिश्नोई के एक इशारे पर किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार रहते हैं. लॉरेंस की एक्सटॉरशन कंपनी का हिस्सा लॉरेंस विश्नोई, अनमोल बिश्नोई, गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा, सचिन बिश्नोई थापन, रितिक बॉक्सर, दीपक बॉक्सर, राजू बसोदी, काला राणा, USA में बैठा लॉरेंस का करीबी आर्म्स सौदागर दरम्मन कालो, विक्रम बराड़ और काला जेठडी के पास आता है.

खास बात ये है कि लॉरेंस गैंग अपने शूटर्स को पकड़े जाने पर न सिर्फ लीगल मदद देता है, बल्कि उसके परिवार का खर्चा भी उठाता है. यानि बिश्नोई गैंग एक कंपनी की तर्ज पर ऑपरेट करता है. वहीं लॉरेंस के सामने खड़ा है उनका दुश्मन गैंग बंबीहा-हिमाशु भाऊ. हिमांशु भाऊ के कुनबे में कौन-कौन गैंगस्टर्स जुड़े हुए हैं?

बंबीहा-हिमाशु भाऊ की एक्सटॉरशन कंपनी

  • नाम- नीरज फरीदपुरिया, ठिकाना- अमेरिका- (नीरज हिमाशु भाऊ गैंग के एलाइंस के तौर पर हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल के इलाकों को ऑपरेट करता है)
  • नाम- कौशल चौधरी, ठिकाना- जेल- (कौशल चौधरी गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के एलाइंस के तौर पर गुरुग्राम में ऑपरेट करता है)
  • नाम- नवीन बाली, ठिकाना- जेल- (नवीन बाली गैंग हिमांशु भाऊ के लिए दिल्ली-एनसीआर में ऑपरेट कर रहा है)
  • नाम- नीरज बवानिया, ठिकाना- जेल- (नीरज बवानिया भी भाऊ गैंग के एलाइंस के तौर पर दिल्ली-एनसीआर में ऑपरेट करता है)
  • नाम- साहिल, ठिकाना- अमेरिका- (साहिल गैंग हिमांशु भाऊ के इशारे पर रोहतक, झज्जर, और सोनीपत में एक्टिव है)
  • नाम- काला खेरमपुरम, ठिकाना- STF कस्टडी- (इसके गैंग के गुर्गे हिमांशु भाऊ के एलाइंस के तौर पर हिसार, हांसी, सिरसा और राजस्थान बॉर्डर तक ऑपरेट करते हैं)
  • नाम- भुप्पी राणा, ठिकाना- जेल- (राणा गैंग अंबाला, चंडीगढ़, मोहाली और पंजाब के कई शहरों में एक्टिव है)

अमेरिका में बैठकर गैंग ऑपरेट कर रहा हिमांशु भाऊ

हिमांशु भाऊ और उसके एलायंस के तौर पर एक्टिव गैंग बिना हिमांशु भाऊ के इशारे पर किसी वारदात को अंजाम नहीं देते हैं. यानि इनके ऊपर हिमांशु भाऊ अमेरिका में बैठकर पूरा कंट्रोल करता है. इनके गैंग को हथियारों की खेप एमपी यानी मध्य प्रदेश के अलावा विदेशों से भी आती है.

हिमांशु भाऊ के टारगेट पर बुकी, शोरूम मालिक, शराब कारोबारी, टोल प्लाजा, ठेकेदार और बड़े रेस्टोरेंट के मालिक हैं. फिलहाल पुलिस ने अभी तक फायरिंग के कुछ ही मामलों में गिरफ्तारी की है. बाकि विदेश में बैठे गैंगस्टर पर शिकंजा कसना मुश्किल साबित हो रहा है.


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