धर्म-कर्म-ज्योतिष – Laddu Gopal: लड्डू गोपाल के पुराने कपड़ों को क्या करना चाहिए, दोबारा पहना सकते हैं या नहीं? #INA

Laddu Gopal: लड्डू गोपाल को भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को कहा जाता है.  कई लोग अपने घरों में लड्डू गोपाल की मूर्ति रखते हैं और बच्चे की तरह उनकी सेवा करते हैं.  पूजा और सेवा के दौरान लोग लड्डू गोपाल को सुंदर और रंग-बिरंगे कपड़े पहनाते हैं. मौसम के अनुसार उनके वस्त्र भी बदले जाते हैं.  लेकिन एक सवाल जो अक्सर मन में आता है वह यह है कि लड्डू गोपाल के पुराने कपड़े क्या करें. आइए आज हम आपको बताते हैं लड्डू गोपाल के पुराने कपड़ों का क्या करना चाहिए. साथ ही जानिए क्या इसे दोबारा पहना सकते हैं या नहीं. 

लड्डू गोपाल के पुराने कपड़ों का क्या करें?

सबसे पहले तो यह जान लेना जरूरी है कि जो वस्त्र बहुत पुराने या फट चुके हों उन्हें लड्डू गोपाल को कभी नहीं पहनाना चाहिए. ऐसे वस्त्रों को खंडित माना जाता है और यह पूजा के नियमों के अनुसार ठीक नहीं है. लड्डू गोपाल के वस्त्र भगवान के वस्त्र माने जाते हैं, इसलिए उनका निपटान भी विशेष तरीके से करना चाहिए. पुराने या कटे-फटे वस्त्रों को कहीं भी रद्दी में न डालें और न ही इसे फेंके. इन वस्त्रों को फेंकने के बजाय उन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ संभालकर रखना चाहिए. 

किसी धार्मिक स्थान पर करें दान

यदि लड्डू गोपाल के वस्त्र अच्छे स्थिति में हैं और केवल पुराने हो गए हैं तो आप इन्हें किसी धार्मिक स्थान में दान कर सकते हैं. कई स्थानों पर ऐसे वस्त्रों का दुबारा उपयोग किया जाता है जिससे वे अन्य भक्तों के काम आ सकें. अगर वस्त्र बहुत पुराने हो चुके हैं और आप इन्हें घर पर नहीं रखना चाहते तो इन्हें धार्मिक विधि से किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दें. यह एक सम्मानजनक तरीका होता है जिससे पुराने वस्त्रों का सही निपटान किया जा सके. 

लड्डू गोपाल के वस्त्रों का भूमि विसर्जन भी कर सकते हैं

पवित्र नदी के अलावा आप लड्डू गोपाल के वस्त्रों का भूमि विसर्जन भी कर सकते हैं.  इसके लिए मिट्टी में लगभग एक फीट का गड्ढा खोदें. उसके बाद इनके वस्त्र उसमें डालकर मिट्टी भर दें और फिर उसके ऊपर कोई पौधा लगा दें. ज्योतिष की मानें तो लड्डू गोपाल के पुराने वस्त्रों का सम्मानजनक रखना बहुत जरूरी होता है.  इन्हें कभी भी बेकार न समझें, क्योंकि ये वस्त्र भगवान के स्वरूप से जुड़े होते हैं.  श्रद्धा और सम्मान के साथ इनके निपटान के लिए सही विधि का चुनाव करें.  चाहे वह दान हो, नदी में विसर्जन, या भूमि विसर्जन. हर तरीका भगवान के प्रति आपकी भक्ति को दर्शाता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

 

 

 


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