धर्म-कर्म-ज्योतिष – Vastu Tips For Ganpati Sthapana: क्या है गणेश जी की मूर्ति स्थापना की दिशा और उसके धार्मिक लाभ #INA
Vastu Tips For Ganpati Sthapana: गणपति बप्पा मोरया!! गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी की शुरुआत हो रही है और जगह-जगह पर बप्पा के पंडाल सजाए जाएंगे. कुछ लोग गणेश जी की मूर्ति अपने घर लाकर उसे स्थापित भी करेंगे. तो आप भी अगर गणपति को अपने घर में स्थापित करने वाले हैं तो पहले ये जान लें कि इसके भी शास्त्रों में नियम बताए गए हैं. गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते समय दिशा का बहुत महत्व होता है. वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अलग-अलग दिशाओं में स्थापित गणेश जी की मूर्ति अलग-अलग प्रकार के लाभ प्रदान करती है. आइए जानते हैं गणेश जी की मूर्ति को किस दिशा में स्थापित करना शुभ होता है और इससे क्या लाभ होते हैं.
उत्तर दिशा
गणेश जी भगवान शिव के पुत्र हैं और शास्त्रों के अनुसार उत्तर दिशा को भगवान शिव की दिशा माना जाता है. इसलिए उत्तर दिशा में उनकी मूर्ति स्थापित करना शुभ माना जाता है. बुद्धि, विद्या और ज्ञान के इच्छुक लोगों को अपने घर में इसी दिशा में गणेश जी स्थापना करनी चाहिए. वैसे यह दिशा धन लाभ के लिए भी शुभ मानी जाती है.
पूर्व दिशा
पूर्व दिशा सूर्य की दिशा है. सूर्य को देवताओं का देवता माना जाता है. इस दिशा में स्थापित गणेश जी सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और घर में सुख-शांति लाते हैं. वास्तु के अनुसार पूर्व दिशा में गणेश जी को स्थापित करने से स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं.
उत्तर-पूर्व दिशा
उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहा जाता है. जो देवताओं की दिशा भी मानी जाती है. इस दिशा में स्थापित गणेश जी घर में समृद्धि और खुशहाली लाते हैं. यह दिशा आध्यात्मिक विकास के लिए भी शुभ मानी जाती है. तो आप अगर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं तो आप इस दिशा में बप्पा की स्थापना करवाएं.
पश्चिम दिशा
पश्चिम दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है. हालांकि, गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, इसलिए वे इस दिशा में भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं. इस दिशा में स्थापित गणेश जी घर में शांति बनाए रखते हैं. आप मूर्ति स्थापना के समय बस इस बात का ध्यान रखें कि हमेशा साफ-सुथरे स्थान पर ही गणेश जी की मूर्ति को रखें. इसे किसी ऊंचे स्थान पर रखें ताकि वह सभी को दिखाई दे. मूर्ति के सामने हमेशा दीपक जलाएं. गणेश जी को नियमित रूप से फूल और चंदन चढ़ाएं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए इसके अलावा, कभी भी बेडरूम में भी गणेश जी की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. गणेश जी की मूर्ति को हमेशा मुस्कुराते हुए रखना चाहिए. उनकी मूर्ति का रंग भी महत्वपूर्ण होता है. सफेद रंग की गणेश मूर्ति शुद्धता और शांति का प्रतीक होती है. गणेश जी की मूर्ति की मुद्रा भी महत्वपूर्ण होती है. वरद मुद्रा में बैठे गणेश जी सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं. गणेश जी की मूर्ति को सही दिशा में स्थापित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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