धर्म-कर्म-ज्योतिष – Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से जानें किन्हें मिलती हैं नरक की यातनाएं #INA
Premanand Ji Maharaj: स्वर्ग और नरक दोनों ही हैं, कहते हैं अगर आप अच्छा करते हैं तो स्वर्ग मिलता है और अगर कुछ बुरा करते हैं तो नरक मिलता है. नरक में जो यातनाएं मिलती हैं उसे सोचकर भी किसी की रूह कांप जाए. लेकिन क्या आप जानते हैं की नरक में कौन लोग जाते हैं. इस बारे में प्रेमानंद जी महाराज का क्या कहना है ये जान लें. अगर आप नरक की सजा को ध्यान में रखकर कोई कार्य करेंगे तो किसी भी तरह के बुरे काम को करने से पहले 10 बार सोचेंगे. तो आइए जानते हैं कि नरक किस तरह के लोगों को भोगना पड़ता है.
कुछ लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उन्हें यह नहीं पता कि यह कोई मज़ाक नहीं है. कहते हैं, “मैं यह करूँगा, मैं वह करूँगा,” लेकिन असल में कुछ नहीं करते. जो लोग व्रत तोड़ते हैं, जो संकल्पों का उल्लंघन करते हैं, जो नियमों का पालन नहीं करते, वे अंत में नरक में जाते हैं. कई लोग कहते हैं कि मैं इतने परिक्रमा करूँगा, यह करूँगा, वह करूँगा, लेकिन कुछ नहीं होता. किसी भी नियम को हल्के में मत लो. सोच समझ कर ही कोई व्रत लो और उसे निभाओ, अन्यथा केवल बातों में समय व्यर्थ जाएगा.
यदि आप कहते हो कि भविष्य में संन्यास लूंगा या वैरागी बन जाऊंगा, लेकिन अपने कर्मों से विमुख रहते हो, तो आपकी बातें बेकार हैं. लोग कहते हैं कि मैं मंदिर बनवाऊंगा, लेकिन यदि वह भी नहीं किया, तो नरक में जाना तय है. अपने वचनों का पालन करो और यह समझो कि माता-पिता भगवान का रूप होते हैं. जो अपने माता-पिता का तिरस्कार करते हैं, उन्हें नरक की भयानक यातनाएँ सहनी पड़ती हैं.
कई लोग सोचते हैं कि नरक जैसा कुछ नहीं है, लेकिन जब उन्हें उसके अस्तित्व का अहसास होता है, तब तक देर हो चुकी होती है. यह वैसा ही है जैसे कोई चोरी करे, पहले घर में पिटाई हो, फिर पुलिस स्टेशन में, और अंत में जज के सामने पेश हो. जो यहाँ पाप करते हैं, उन्हें यहीं पर उसके परिणाम भुगतने होते हैं. बीमारी या परेशानी वह शुरुआती ब्याज है, लेकिन असली सज़ा नरक में मिलती है.
माता-पिता का तिरस्कार करने वाले, निर्दोष स्त्रियों पर झूठे आरोप लगाने वाले, और जो अपने धर्म का पालन नहीं करते, वे सभी नरक की यातनाएँ भुगतेंगे. जो लोग अपने गुरु का अनादर करते हैं, शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं, और धर्म का पालन नहीं करते, उनका भी नरक में स्थान निश्चित है.
भारत एक धार्मिक और महान लोगों का देश है, यहाँ का इतिहास आत्म-त्याग और धर्म का है. इसलिए, हमें अपने कर्मों का ध्यान रखना चाहिए. जो लोग पाखंड करते हैं और जानबूझकर गलत रास्ते पर चलते हैं, वे अपने लिए नरक का रास्ता बनाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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