धर्म-कर्म-ज्योतिष – Chhath Puja 2024: क्या है छठ पूजा का इतिहास, जानें सबसे पहले किसने की थी ये पूजा #INA

Chhath Puja 2024: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है. दिवाले के बाद उत्तर भारत और बिहार में इस पर्व की खास तैयारियां शुरू हो जाती है. छठ पर्व, छइठ या षष्‍ठी पूजा के नाम से भी लोग इसे जानते हैं. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत नहाए-खाए से शुरू होती है. 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखकर छठ पूजा करने वाले जातक सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य देकर इस व्रत का पारण करते हैं. सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले देसी भी इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले छठ पूजा किसने की थी, इस व्रत की शुरुआत कैसे हुई. 

कैसे हुई छठ पूजा की शुरुआत 

माता सीता ने किया था छठ व्रत: मान्यता है कि सबसे पहले छठ पूजा माता सीता ने की थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान राम माता सीता और लक्ष्मण 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे तब रावण वध के पाप से मुक्ति के लिए उन्होंने ऋषि-मुनियों के आदेश पर राजयज्ञ करने का निर्णय लिया. इस यज्ञ के लिए मुग्दल ऋषियों को आमंत्रित किया गया. मुग्दल ऋषि ने माता सीता को गंगाजल से पवित्र किया और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्यदेव की उपासना करने का आदेश दिया. माता सीता ने मुग्दल ऋषि के आश्रम में रहकर छह दिनों तक सूर्यदेव की पूजा की. सप्तमी तिथि को सूर्योदय के समय उन्होंने फिर से अनुष्ठान कर सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त किया. 

इसके अलावा, छठ महाव्रत की शुरुआत महाभारत काल में हुई ऐसा भी कई जगह पढ़ने को मिलता है. कहा जाता है कि सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने छठ पूजा की थी. यह भी कहा जाता है कि जब पांडव अपना पूरा राजपाट जुए में हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठ का महाव्रत किया. इस व्रत को करने से उनकी सभी इच्छाएं पूरी हुईं और पांडवों को उनका राजपाट वापस मिल गया. छठ पूजा से जुड़ी ये पौराणिक कथाएं इसे एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व के रूप में स्थापित करती हैं, जो श्रद्धालुओं के जीवन में अपार सुख और समृद्धि लाती हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)


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