खबर फिली – अब आसानी से नहीं बनेंगी ‘बॉर्डर’ और ‘फाइटर’ जैसी फिल्में, निर्माताओं को बेलने पड़ेंगे कई सारे पापड़, ये है वजह – #iNA @INA

एक समय था जब फिल्में मनोरंजन के लिए देखी जाती थीं. लेकिन अब फिल्मों की तरफ देखने का लोगों का नजरिया बदल रहा है. आज आपको कई लोग ऐसे मिलेंगे जो मनोरंजन के बजाए फिल्म में क्या गलत दिखाया गया है? ये पता लगाने के लिए थिएटर में जाकर उन्हें देखते हैं. सोशल मीडिया के चलते फिल्मों में दिखाई गई हर सही-गलत चीज दर्शकों के सामने आसानी से आ जाती है. देश पर बनाई गई और खासकर आर्मी से जुड़ी लगभग हर फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा बवाल और विवाद खड़ा हो जाता है. पिछले कुछ सालों में आर्मी पर आधारित कई वेब सीरीज और फिल्में बनाई गई हैं, जिन्हें देखकर ज्यादातर फिल्मों के ऊपर दर्शकों की तरफ से ये इल्जाम लगाया गया है कि उनमें हमारे देश के जवानों को या उनकी छवि को गलत तरीके से पेश किया गया है.

फिर चाहे वो एकता कपूर की वेब सीरीज ‘एक्सएक्सएक्स’ हो या फिर नेटफ्लिक्स पर हाल ही में प्रसारित की गई वेब सीरीज ‘आईसी 814’. ओटीटी और थिएटर में लगातार दिखाए जाने वाले विवादित सीन के चलते नरेंद्र मोदी सरकार के रक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड व आई बी मंत्रालय को पत्र लिखकर सूचना दी है कि किसी भी तरह के आर्मी या आर्मी से जुड़ी मुद्दों पर बनने वाली फिल्म, टीवी सीरियल, या वेब सीरीज के प्रसारण से पहले रक्षा मंत्रालय की अनुमति लेना अनिवार्य होगा. यानी आने वाले समय में सेना पर आधारित फिल्में या वेब सीरीज का निर्माण और प्रसारण आसान नहीं होगा.

अब लेनी पड़ेगी अनुमति

गौरतलब है रक्षा मंत्रालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) को पत्र लिखकर यह सूचना दी है कि आर्मी पर फिल्म बनाने से पहले निर्माता को उनसे एनओसी सर्टिफिकेट लेना होगा और साथ ही निर्माता को सेना के अधिकारियों से भी स्पेशल परमीशन लेनी पड़ेगी. यानी अब रक्षा मंत्रालय की तरफ से इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि जवानों और उनकी वर्दी को गलत तरीके से पर्दे पर न दिखाया जाए और साथ ही फिल्मों में वो चीजें भी शामिल न की जाएं, जिसकी वजह से जवानों का मनोबल नीचे गिर सकता है. इसके अलावा फ्लाइंग बेस, आर्मी स्कूल और सेना से जुड़ी जगहों पर शूटिंग करने के लिए भी हमेशा की तरह मेकर्स को रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी.

इन सीन का लोगों ने किया था विरोध

पिछले महीने यानी 29 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘IC814: द कंधार हाइजैक‘ में आतंकवादियों के नाम भोला और शंकर बताए गए थे और इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर इस सीरीज के बायकॉट की मांग की जा रही थी. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भी इस मामले में नेटफ्लिक्स को समन भेजा था. इस समन के बाद नेटफ्लिक्स ने मंत्रालय के साथ मीटिंग करते हुए इसे डिस्क्लेमर के साथ चलाने का आश्वासन दिया था.

इससे पहले भी एयरफोर्स के बेस पर ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण के बीच लिप लॉक का सीन दिखाने की वजह से जनवरी 2024 में रिलीज हुई फिल्म ‘फाइटर’ की भी सोशल मीडिया पर खूब ट्रोलिंग हुई थी.

10 साल पहले रिलीज हुई शाहिद कपूर और तब्बू की फिल्म हैदर पर भी काफी विवाद खड़ा हुआ था, वजह थी इंडियन आर्मी को नेगेटिव रोल में दिखाना. इसी तरह एकता कपूर की वेब सीरीज एक्स एक्स एक्स अनसेंसर्ड 2 पर भी सेना को बदनाम करने का आरोप लगा था. इस वेब सीरीज के एक सीन में दिखाया गया था कि पत्नी अपने आर्मी ऑफिसर पति को धोखा देते हुए न सिर्फ आर्मी यूनिफॉर्म को फाड़ रही है, बल्कि उस यूनिफार्म के साथ आपत्तिजनक सीन भी परफॉर्म कर रही है. इस सीन को देखने के बाद हुए ढेर सारे बवाल और विवाद के बाद एकता कपूर को यह सीन हटाना पड़ा था.

जानें क्या है सिद्धार्थ आनंद का कहना

सोशल मीडिया पर होने वाला फिल्मों का विरोध अब फिल्म मेकर्स भी सीरियसली लेने लगे हैं. ‘पठान’ के समय दीपिका को ऑरेंज बिकिनी में दिखाने की वजह से लोगों के गुस्से का शिकार बने सिद्धार्थ आनंद ने ‘फाइटर’ के प्रमोशन के दौरान टीवी9 हिंदी डिजिटल के साथ की बातचीत में कहा था कि जब उन्होंने फाइटर फिल्म बनाई थी तब हर कदम फूंक-फूंक कर रखा था क्योंकि ये देश का मामला था. और जब कोई फिल्ममेकर अपने देश की आर्मी को लेकर फिल्म बनाता है ,तो वो उसकी जिम्मेदारी होती है कि वो उन्हें ऑडियंस के सामने सही तरह से पेश करें.

उन्होंने कहानी से लेकर फिल्म बनाने की पूरी प्रक्रिया एयर फ़ोर्स की अनुमति से ही की थी. फिल्म पूरी होने के बाद भी वो पहले एयरफोर्स के अधिकारियों को दिखाई गई थी और फिर उसे थिएटर में रिलीज किया गया था. सिद्धार्थ का कहना था कि मैं मानता हूं कि भले ही अब इस तरह की फिल्में बनाना चैलेंजिंग हो गया है, लेकिन ये सब बहुत जरूरी है क्योंकि ये देश का मामला है और देश का सम्मान करना हर नागरिक का परम कर्तव्य है.

फिल्म बनाना है एक जिम्मेदारी

फिल्म जानकार नरेंद्र गुप्ता के अनुसार रक्षा मंत्रालय का ये निर्णय पूरी तरह वाजिब है क्योंकि फिल्मों में दिखाए जाने वाले देशभक्ति से रिलेटेड संवेदनशील दृश्य आम लोगों की मानसिकता को प्रभावित करते हैं. ऐसे में देश से और सेना से संबंधित फिल्मों या वेब सीरीज में गलत सीन दिखाएंगे, तो भला देश के नागरिक पर कितना गलत प्रभाव पड़ेगा. इसलिए बहुत जरूरी है कि मेकर्स पर कड़ी लगाम लगाई जाए. ताकि वह राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिल्मों के जरिए हमारे देश का नाम खराब न कर सकें. साथ ही मिलिट्री और देश पर फिल्म बनाने से पहले 10 बार सोच कर ही लेखन का कार्य करें. ताकि देश की छवि को उनकी फिल्मों या वेब सीरीज के जरिए बदनामी न झेलना पड़े.


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