खबर फिली – किस्सा ZNMD के उस सीन का, जिसमें नसीर ने डायलॉग नहीं अपनी जिंदगी की कहानी बयां की थी… – #iNA @INA

यूं तो कई फिल्में आती हैं… लेकिन कुछ ऐसी होती हैं जो बस छा जाती हैं… आपके दिल, दिमाग पर ऐसा काबू करती हैं कि आप उनको कभी अपने जहन से निकाल ही नहीं पाते. साल 2011 में आई फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा भी कुछ इसी तबियत की फिल्म है. ये फिल्म इतनी खास क्यों है ये सवाल आप भले किसी भी उस जहीन व्यक्ति से पूछ लें जो इस फिल्म को पसंद करने वाला हो… हां पसंद करने वाला… ना की देखने वाला… क्योंकि इस तरह की फिल्मों को केवल देखना जरूरी नहीं. इनका जायका तो तब आता है जब आप इन्हें महसूस करके अपनी जिंदगी में इन्हें उतारते हैं.

फिल्म में कई सींस हैं जो आपकी आंखों से होते हुए दिल को छू जाते हैं. फरहान, ऋतिक और अभय की एक्टिंग… उनकी दोस्ती वाकई कमाल की है. ये तीनों जब-जब स्क्रीन पर आते हैं आपको कभी लगता ही नहीं कि कबीर, इमरान और अर्जुन कोई और हैं. लगता है जैसे ये आपके आसपास रहने वाले वही तीन दोस्त हैं जिनको आप रोज देखते हैं. फिल्म में और भी कई सितारें हैं जैसे कटरीना कैफ, कल्कि केकलां, दीप्ती नवल और नसीरउद्दीन शाह. नसीर साहब का वैसे तो काफी ज्यादा रोल इस फिल्म में नहीं है, लेकिन जितना भी है कमाल का है.

फिल्म में फरहान के पिता बने थे नसीर

नसीर इस फिल्म फरहान के किरदार इमरान के पिता के रोल में हैं. फरहान एक मनमौजी इंसान हैं, वह एक आर्टिस्ट है जो अपनी नजर से इस दुनिया को देखता है और दकियानूसी बातों से दूरी पसंद करता है. लेकिन इमरान कि इस शक्सियत की एक बुराई ये भी है कि उसे रिश्ते समझ नहीं आते. इसलिए उससे एक गलती हो जाती है और वह गलती है उसके दोस्त अर्जुन की गर्लफ्रेंड से प्यार होना और जाने-अनजाने में वह अपने ही दोस्त को चीट कर बैठता है. इस बात की टीस दोनों के रिश्ते को लगभग खत्म कर देती है. लेकिन आखिर इमरान ऐसा क्यों हैं? क्यों उसे रिश्तों को सहेजना नहीं आता? इस बात का पता उसे अपने पिता से मिलकर चलता है.

रिश्तों को सहेज क्यों नहीं पाता था इमरान

इमरान के पिता सलमान हबीब भी एक आर्टिस्ट हैं. उनके हाथों में कला है और तबियत में संजीदगी… लेकिन जिस रोज वह इमरान से मिलते हैं उनको अपना सालों पुराना दौर याद आ जाता है और वह गलती भी जो उन्होंने की थी. फिल्म के एक सीन में इमरान और सलमान आमने-सामने आते हैं. बेटा पिता से पूछता है कि आपने मुझे और मेरी मां को क्यों छोड़ दिया. इस बात का जवाब देते हुए सलमान अपनी गलती को एक्सेप्ट करते हैं और बताते हैं कि उनकी उम्र और मिजाज उस वक्त किसी जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं थे. उन्हें इमरान की मां से इश्क तो बहुत है लेकिन वह एक बच्चे कि जिम्मेदारी नहीं उठा सकते थे.

हर सीन की कुछ कहानी होती है…

हर सीन की कुछ कहानी होती है… इस सीन की भी कुछ कहानी है. ये केवल एक सीन नहीं बल्कि नसीर के जीवन कि कहानी है. नसीर ने एक इंटरव्यू में इस बारे में बात की थी. उन्होंने बताया कि वो उस वक्त 20 साल के थे. वो उस वक्त केवल अपने बारे में सोचते थे. उन्हें केवल अपनी खुशी और जज्बातों से फर्क पड़ता था. उन्होंने जिस महिला से उस वक्त शादी की वह उनसे बड़ी थीं. उनकी पत्नी को बच्चा चाहिए था और नसीर के अरमान उन्हें इस बात की इजाजत नहीं दे रहे थे. वो बच्चे की जिम्मेदारी के लिए तैयार नहीं थे और उन्हें नहीं मालूम था कि वह कैसे इसे हैंडल करें. वह मानते हैं कि उनसे गलती हुई.

दो बार हुई थी नसीर को मोहब्बत

उन्होंने एक इममैच्योर फैसला लिया और वह अपनी पत्नी से अलग हो गए. उन्होंने कई सालों बाद अपनी बेटी से वापस बात की. हैरानी की बात ये है कि जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा में नसीर के इस सीन में वह शायद एक्टिंग नहीं कर रहे थे बल्कि अपने जीवन की सच्ची कहानी को दोहरा रहे थे. नसीरुद्दीन ने अपनी लाइफ में दो बार प्यार किया और दोनों ही बार जबरदस्त हुआ. पहला प्यार उन्हें खुद से करीब 15 साल बड़ी महिला से हुआ था और दूसरी बार उन्होंने खुद से 7 साल छोटी लड़की से मोहब्बत की.


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