खबर फिली – हैलो, मैं युसूफ खान बोल रहा हूं… दिलीप कुमार ने काम देने के लिए किया फोन, कादर खान ने रख दी ये 2 शर्तें – #iNA @INA

अपनी उम्दा एक्टिंग के दम पर कादर खान ने फिल्म इंडस्ट्री में जबरदस्त पहचान बनाई थी. उनकी गिनती दिग्गज एक्टर्स में होती थी. पर्दे पर कॉमेडी करना हो या फिर विलेन बनना हो, हर तरह के किरदार को वो बखूबी निभाते थे. उन्हें फिल्मों में लाने का काम युसूफ खान यानी दिलीप कुमार ने किया था. उन्होंने ही कादर खान को पहला ब्रेक दिया था.

जब कादर खान की एंट्री फिल्मों में नहीं हुई थी तब वो ड्रामों में प्ले किया करते थे और ड्रामा लिखा भी करते थे. घर की माली हालत ठीक नहीं थी इसलिए उन्होंने बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज में पढ़ाना शुरू कर दिया था. एक दिन वो क्लास में पढ़ा रहे थे तभी चपरासी आता है और उन्हें बताता है कि उनके लिए फोन आया है.

दिलीप कुमार ने फोन पर क्या कहा था?

कादर खान ऑफिस में गए. उन्होंने जैसे ही फोन लिया, दूसरी तरफ से आवाज आती है कि हैलो, भाई युसूफ खान बोल रहा हूं. कादर ने पूछा कौन युसूफ खान. उधर से आवाज आती है कि फिल्मों में लोग मुझे दिलीप कुमार के नाम से जानते हैं. कादर ने खुद एक बार बताया था कि दिलीप कुमार का नाम सुनकर उनके हाथ से फोन गिरते गिरते बचा था.

दिलीप कुमार ने कादर खान से कहा था कि उन्होंने उनके एक ड्रामे की काफी तारीफ सुनी है और वो उस ड्रामे को देखना चाहते हैं. ये सुनकर कादर खुश तो हुए थे, लेकिन उन्होंने दो शर्तें भी रख दी थीं. उन्होंने दिलीप साहब से कहा था कि पहली शर्त ये है कि आप ड्रामा देखने के लिए समय पर आएंगे और दूसरी शर्त ये कि आप पूरा ड्रामा देखेंगे. दिलीप कुमार ने उनकी दोनों शर्तें मान ली थीं.

इन दो फिल्मों का मिला था ऑफर

जब दिलीप कुमार ने कादर खान का ड्रामा देखे तो वो इतने प्रभावित हुए थे कि उनके आंखों से आंसू निकल आए थे. उसी समय उन्होंने कादर को अपनी आने वाली दो फिल्मों में काम करने का मौका दे दिया था. वो दो फिल्में थीं ‘सगीना’ और ‘बैराग’. बस यहां से कादर खान कॉलेज से फिल्म इंडस्ट्री में आ गए और असिस्टेंट प्रोफेसर से एक्टर बन गए.


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