खबर फिली – Singham Again: सिंघम अगेन में सब कुछ ठीक, पर ये एक गलती कहीं भरी न पड़ जाए – #iNA @INA
अजय देवगन की सिंघम अगेन बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचा रही है. ये रोहित शेट्टी के कॉप यूनिवर्स का सबसे पहला किरदार था. इस फिल्म के (सिंघम 2011)’आता माझी सटकली’ या फिर ‘जिस में है दम, वो फक्त बाजीराव सिंघम’ जैसे डायलॉग लोग आज भी याद करते हैं. सिंघम अगेन में भी रोहित शेट्टी ने कई शानदार डायलॉग का इस्तेमाल किया है. इंडस्ट्री के बड़े चेहरे, शानदार लोकेशन, कमाल का एक्शन देखा जाए तो सिंघम अगेन में सब कुछ सही है. लेकिन फिर भी फिल्म में एक कमी नजर आती है और इसकी वजह भी रोहित शेट्टी ही हैं.
एक्शन और कॉमेडी रोहित शेट्टी की फिल्मों की यूएसपी रही है. साथ ही वो एक ऐसे डायरेक्टर हैं, जिन्हें सिनेमा का क्लाइमेक्स किस तरह से असरदार बनाना है, इस बात की अच्छी जानकारी है और यही वजह है कि ‘सिंघम अगेन’ खत्म होते ही एक खयाल दिल में आता है कि इसका क्लाइमेक्स और शानदार हो सकता था. सारे हीरो का एक साथ आना और मेन हीरो का विलेन को मारना, ये बेसिक स्टोरी हम सब जानते हैं. लेकिन इस बेसिक स्टोरी को कैसे ग्रैंड बनाना है, ये फिल्म का निर्देशक तय करता है.
सिंघम अगेन की एक गलती
डेंजर लंका (अर्जुन कपूर) जैसे विलन का इतना आसानी से और प्रेडिक्टेबल तरीके से मरना रास नहीं आता. मतलब रोहित शेट्टी से ये उम्मीद नहीं थी. क्योंकि ये वो बाजीराव सिंघम है, जिन्होंने जयकांत शिकरे को दौड़ा-दौड़ा के मारा था. सिंघम रिटर्न्स में सिंघम की सटकने के बाद उसका सत्यराज और मिनिस्टर से लिया हुआ गुरूजी की मौत का बदला लोगों आज भी याद है. लेकिन ‘सिंघम अगेन’ में बाजीराव सिंघम की एसओजी हेड बनने के बाद न ही सटकी, न ही उसने क्लाइमेक्स को दमदार बनाया. यही वजह है कि सिंघम का क्लाइमेक्स देखकर पुराने फैन्स ये कह सकते हैं कि आता माझी सटकली, मला राग येतोय. (सिंघम रिटर्न्स का डायलॉग)
ऑडियंस का रिएक्शन
ये शिकायत सिर्फ हमारी ही नहीं, बल्कि दिवाली के दिन भी थिएटर जाकर ‘फर्स्ट डे, फर्स्ट शो’ देखने वाले कई ‘सिंघम’ फैन्स की है, जो इस फ्रेंचाइजी और सिंघम के किरदार से प्यार करते हैं. कोई भी फिल्म की एंडिंग को बुरा नहीं कह रहा है, सिर्फ ये एंडिंग ‘सिंघम’ वाली नहीं है. ये विलेन ऐसे ही मारता है, जैसे सालों से बॉलीवुड का विलेन मारता आ रहा है और ये हमेशा उम्मीद से दोगुना देकर ऑडियंस की आदत बिगाड़ने वाले रोहित शेट्टी की ही गलती है.
Source link