खबर फिली – ध्यान से पढ़ें…! शाहरुख की ये बातें आपकी जिंदगी बदल सकती हैं – #iNA @INA
शाहरुख खान… हिंदी सिनेमा के सबसे सफल और सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं. शाहरुख को हर कोई प्यार करता है, चाहें वो सिनेमा देखने वाला इंसान हो या फिर ना हो. शाहरुख जितने शानदार एक्टर हैं उससे भी बेहतरीन व्यक्तित्व वाले इंसान हैं. शाहरुख को उनकी हाजिर जवाबी के लिए जाना जाता है.
शाहरुख जब भी बोलना शुरु करते हैं तो लोग उन्हें सुनना पसंद करते हैं, क्योंकि उनकी बातों में जिंदगी जीने के फ़लसफ़े छिपे होते हैं. आज शाहरुख के जन्मदिन पर हम आपके लिए लाए हैं शाहरुख खान की कुछ ऐसे कोट्स जो आपको जरूर सुनने चाहिए.
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‘मैंने वापस तैरने के लिए कुछ भी नहीं बचाया’
फिल्म ‘पठान’ की रिलीज के बाद शाहरुख ने आस्क मी एनीथिंग सेशन के दौरान फैन्स को ये बात कही थी. शाहरुख ने कहा- मैंने वापस तैरने के लिए कुछ भी नहीं बचाया. मुझे लगता है कि जिंदगी भी थोड़ी सी ऐसी ही है. आप अपनी वापसी की प्लान बनाने के लिए नहीं बने हैं. आप आगे बढ़ने के लिए हैं. वापस मत आओ. जहां से तुमने शुरू किया था, उसे पूरा करने की कोशिश करो. एक 57 साल के व्यक्ति की ये सलाह है.’
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‘लोगों की अहमियत सिखाता है शतरंज का खेल’
एक इंटरव्यू में शाहरुख ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए बताया था कि उनके पिता छोटी-छोटी चीजों से उन्हें बहुत कुछ सीखाते थे. एक बार, शाहरुख खान के पिता ने बेटे के जन्मदिन पर उन्हें एक फटा हुआ शतरंज का बोर्ड तोहफे में दिया और कहा कि ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए कभी-कभी पीछे भी हटना पड़ता है. शतरंज से आप सबसे बड़ा सबक ये भी सीख सकते हैं कि जिंदगी में कोई इंसान छोटा नहीं होता है, इसलिए सबकी इज्जत करनी चाहिए.
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‘काम करते वक्त ये सोचें कि ये आपका आखिरी मौका है’
एक कॉलेज के इवेंट में शाहरुख खान पहुंचे थे। जहां उन्होंने स्पीच देते हुए बताया था कि उनके पिता ने उन्हें एक टाइपराइटर भी गिफ्ट में दिया था. शाहरुख के पिता ने उनसे कहा था कि टाइपराइटर पर लिखते वक्त अगर आपसे कोई गलती हो जाए तो उसे मिटाना काफी मुश्किल है इसलिए उसपर बहुत एहतियात से लिखना पड़ता है, लेकिन ऐसे ही परफेक्शन आता है. जिंदगी में भी हर काम को यही सोचकर करना चाहिए कि ये हमारा लास्ट चांस है.
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विपरीत दिशा में अपना रास्ता बनाएं
शाहरुख ने एक बार कहा था कि जो कुछ भी आपको पीछे खींच रहा है, वह तब तक दूर नहीं जाएगा जब तक आप खड़े होकर विपरीत दिशा में अपना रास्ता नहीं बनाना शुरू करते। रोना बंद करो और आगे बढ़ना शुरू करो. नोर्मल जैसा कुछ नहीं होता, ‘बेजान’ शब्द का दूसरा नाम है नोर्मल. कभी-कभी जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ कदम पीछे हटना जरूरी होता है, और पीछे हटने का वो दुख काफी छोटा हो जाता है जब आपको सफलता मिलती है.
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