सेहत – समूह में अधिकांश मूल वाला खाना खाने से बच्चा गुसल होता है? बॅकेट ने नामांकन 5 आश्चर्यजनक करने वाले तथ्य
गर्भावस्था संबंधी मिथक और तथ्य: समूह में महिलाओं के खान-पान और स्टाइल का सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चों पर होता है। बच्चों की पूर्ति के लिए आवश्यक पोषक तत्व गर्भवती महिलाओं की पूर्ति के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं। इसका कारण यह है कि गर्भवती महिलाओं को अवशेष पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। हालाँकि, इलाक़े में खान-पान को लेकर कई पौराणिक लोगों के दिमाग में रहते हैं, जिनके बारे में गर्भवती महिलाओं को ज़रूर जानना चाहिए। आपने भी अक्सर सुना होगा कि गर्भवती महिलाएं अगर केसर एक्टिव होंगी, तो बच्चा गोरा हो जाएगा। इसके अलावा चाय और सब्जी के टुकड़ों से बच्चा गुसल हो जाएगा। अब सवाल है कि इन बातों में क्या सच्चाई है? इस बारे में किताब से कहावतें जान लेते हैं।
नई दिल्ली के फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल के वास्तुशिल्पी डॉ. राशि चक्र ने News18 को बताया कि सूची में महिलाओं को थोकबंद सामान और जंक फूड्स शामिल हैं जिनमें अनहेल्दी खान-पान से दूरी बनानी चाहिए। डोज़, प्रोटोटाइप, और सीड्स का सेवन बेहद होता है। गर्भवती महिलाओं को कई बार खट्टी-मीठी और जिप्सी चीजें खाने की चाहत होती है। कई बार शरीर को जब कुछ पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, तब आहार की लालसा होती है। ऐसे में वे चीजों की सीमा में कटौती कर सकते हैं। खाने-पीने को लेकर मिथकों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
सूची के 5 सबसे बड़े मित्र और सच्चे जान सहयोगी
मिथक- गर्भवती महिलाओं को अधिकतर पेट में गैस नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चा गुसल हो जाता है!
तथ्य- विद्यार्थियों की राय तो ज्यादातर सामूहिक भोजन खाने से बच्चे को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। डायग्नोस्टिक्स खाद्य पदार्थों से बच्चे के व्यवहार या पर्सनैलिटी पर भी कोई असर नहीं होता है। हालांकि क्लस्टर में बड़े पैमाने पर खाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
मिथक- अगर गर्भवती महिलाओं को केसर का सेवन करना चाहिए तो इससे बच्चे का रंग गोरा हो जाएगा!
तथ्य- बच्चे के त्वचा का रंग जेनेटिक फैक्टर्स पर निर्भर करता है और इससे केसर या किसी भी चीज का कोई संबंध नहीं होता है। बच्चे का त्वचा का रंग जीन्स के आधार पर होता है। इसमें खान-पान में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है.
मिथक- गर्भवती महिलाओं के लिए फलों का साबुत अनाज और फलों का मिश्रण फ़्लोरिडा फ़्लोरिडा के फलों का मिश्रण हो सकता है!
तथ्य- गर्भवती महिलाओं में ताजे फलों का मिश्रण हो सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में इन्हें खाने से परहेज करना चाहिए। मूल फलों में शर्करा की मात्रा होती है और अधिकांश पोषक तत्वों में कमी हो सकती है। साबूत के बजाय साबुत फल खाना हो सकता है.
मिथक- महिलाओं के चैट या मीठे खाने की चाहत लड़का-लड़की होना का संकेत है!
तथ्य- पोर्टफोलियो में किसी भी तरह का कोई संकेत नहीं होता है। यह आपके शरीर का अवलोकन है जिसका अर्थ है कि उसे सबसे अधिक पोटेशियम और पोटेशियम की आवश्यकता है। क्रेविंग कभी-कभी पोषक तत्वों की आवश्यकता की ओर ले जाती है।
मिथक- गर्भवती महिलाओं को मछली पकड़ने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है!
तथ्य- यह सच नहीं है. समूह में कुछ मछली खाना सुरक्षित हैं, जैसे- सलमान मछली। यह ब्रेन फिश को बढ़ाने वाला ओमेगा-3 से भरपूर है, जिसे आपके बच्चे के विकास के लिए बहुत जरूरी माना जाता है।
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पहले प्रकाशित : 3 सितंबर, 2024, 09:59 IST
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