सेहत – जहां आपका सिर दर्द ट्यूमर के कारण तो नहीं, खुद ही पता कर लें कि यह क्या है, सिंपल है तरीका

शायद ही कोई ऐसा हो जो कभी सिर दर्द नहीं हुआ हो। अधिक थकान होना, मोटापा बढ़ना, मौसम के अनुसार बुखार होना, बुखार होना या कोई और बीमारी होना पर अक्सर लोगों को सिरदर्द होना शुरू हो जाता है। सिर दर्द होता है और फिर से ठीक हो जाता है। हालाँकि कुछ लोगों को सिर दर्द बहुत अधिक होता है और वह अक्सर इसका निदान भी करता है लेकिन सिर दर्द कभी-कभी ब्रेन ट्यूमर का संकेत भी हो सकता है। अगर किसी को बार-बार सिर दर्द होता है तो उसे सामान्य सिर दर्द और ब्रेन ट्यूमर वाले सिर दर्द के बारे में जरूर बताएं। एक अमेरिकी डॉक्टर ने सामान्य दर्द और ब्रेन ट्यूमर वाले दर्द के बीच का अंतर बताया है। इससे कोई भी खुद ही पता लगा सकता है।

इस तरह का ब्रेन दर्द ट्यूमर वाला

डेलीमेल की खबर अमेरिकी डॉक्टर डॉ. का कहना है. बेबिंग चेन सामान्य सिर दर्द अक्सर लोगों को होता है और इससे कोई डरने की बात नहीं होती है। लेकिन दो तरह के लक्षण अगर सिर दर्द के समय दिखाई देते हैं तो इसे लाल संकेत देना चाहिए क्योंकि यह मस्तिष्क के अंदरूनी हिस्सों में ब्लीडिंग या ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है। हालाँकि ज़रूरी नहीं कि ऐसा हो लेकिन इस का अंदेशा रहता है बात. डॉ. चेन ने बताया कि अगर सिर दर्द कुछ अलग तरह का महसूस होता है, ऐसे में अचानक सिर दर्द होने लगता है और पूरे शरीर में झनझनाहट हो जाती है या सामान्य सिर दर्द होता है, जो देर तक होता है तो यह गंभीर सिर दर्द होता है और इसका मतलब होता है मस्तिष्क के बड़े हिस्से में रक्तस्राव या ट्यूमर हो सकता है। ऐसा तब होता है जब दिमाग के अंदरूनी हिस्से गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसे थंडरक्लैप सिर दर्द के नाम से जाना जाता है। यह दर्द ऐसा महसूस होता है जैसे किसी चीज का सिर अचानक से टूट गया हो और दर्द शुरू हो गया हो। इस स्थिति में कभी-कभी अस्पताल भी जाना पड़ता है। अगर थंडरक्लैप वाला दर्द होता है तो इसका मतलब है कि सिर के अंदर कोई ब्लड वैसल्स मोटा हो गया है और उसके अंदर खून ही रह गया है। इस इंसान में कई दिनों तक अपंगता की स्थिति आ सकती है या ऐसी स्थिति में कोमा या मृत्यु भी हो सकती है।

सिर दर्द में भूलकर भी न करें ये काम

डॉ.चेन ने बताया कि यदि सिर में तेज दर्द हो तो इससे ब्लीडिंग अधिक हो सकती है। इसमें पैरालैसिस भी हो सकता है. ऐसे में गर्दन में लॉक इन सिंड्रोम हो सकता है जिसमें गर्दन पर प्रभाव पड़ना भी मुश्किल हो जाता है। डॉ. चेन ने बताया कि ऐसी स्थिति में भूलकर ने भी घर पर कोई घरेलू सामान नहीं खरीदा। उन्होंने बताया कि जब भी ऐसा होता है तो कुछ लोग दाढ़ी-मूंछों को इधर-उधर घुमाते हैं, उस पर भारी दबाव डाला जाता है। वहीं कुछ लोग दूसरे से दाढ़ी को करवाते हैं। यह बेहद ख़राब उपाय है. ऐसा करने से जीवन में भी खतरा पैदा हो सकता है। इस अप्रत्याशित मस्तिष्क के पास से गुर्दे वाली रक्त वाहिकाएं बंद हो सकती हैं जिसके कारण मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस वक्त लोग एक चीज पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, उन्हें नींद आती है। यदि आपके पास पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व हैं तो ऐसी स्थिति में अधिकांश चोटों का खतरा कम हो जाता है। इसके लिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है।

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