सेहत – भयकर से भयकर एसिडिटी और खट्टी डकार से राहत, प्रारंभिक रूप से यह परिवर्तन

रायपुर: भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने खान-पान का ध्यान नहीं रख पा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हर चौथा व्यक्ति एसिडिटी की समस्या से जूझ रहा है। राजधानी रायपुर की प्रमुख चिकित्सक सारिका ग्रैविथ ने एसिडिटी से राहत दिलाने के लिए कई खान-पान और स्वास्थ्य संबंधी टिप्स साझा किए हैं। डॉ सारिका के अनुसार, गैस और कब्ज की समस्या आज आम हो गई है, और इसका सीधा संबंध हमारी लाइफस्टाइल से है।

उन्होंने बताया कि खान-पान की आदतों में कमी, नींद की कमी और पानी का सेवन कम करने से एसिडिटी की समस्या उत्पन्न होती है। जब हम लंबे समय तक कुछ नहीं खाते हैं, तो हमारा मेटाबोलिक रेट औसत हो जाता है, जिससे गैस और कब्ज की शिकायत होती है।

फास्टफूड और जंकफूड से दूरी
डॉक्टर सारिका ने सलाह दी कि एसिडिटी की समस्या होने पर दिन में तीन लीटर पानी (करीब 12 गिलास) जरूरी है। इसके अलावा, फास्टफूड, जंकफूड, और चाइनीज़ फूड से दूरी बनानी चाहिए। मैदा और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी कम करना चाहिए। खासकर, रात के समय चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

अजवायन, सौंफ, जीरा और हींग का प्रयोग किया जाता है
डॉक्टर सारिका ने बताया कि कुछ लोगों को मठों से भी एसिडिटी हो सकती है। ऐसे में दूध, दही और पनीर का सेवन कम किया जा सकता है. दूध में सौंफडो से एसिडिटी की समस्या नहीं होती. एसिडिटी के दौरान मतली और सौंफ का सेवन करना खतरनाक होता है, साथ में ही जीरा और हींग का उपयोग करना चाहिए (एसिडिटी के दौरान गर्भवती महिलाओं को हींग से बचना चाहिए)।

अनाज को बढ़ाने के लिए मल्टीग्रेन का उपयोग करना चाहिए। आटे की जगह ज्वार, बाजरा और रागी का सेवन बेहतर विकल्प है। दिन में चावल खा सकते हैं, लेकिन रात में नहीं। सेब और पपीता एसिडिटी से राहत पाने में सहायक होते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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