सेहत – शरीर में ये 5 लक्षण खतरनाक, तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क, बाकी आफत में पड़ जाएगी जान!

विटामिन बी12 की कमी के चेतावनी संकेत: विटामिन बी12 एक आवश्यक पोषक तत्त्व है, जो हमारे नर्व सेल्स और ब्लड सेल्स को ठीक रखने में मदद करता है। यह विटामिन आपके शरीर को डीएनए बनाने में भी मदद करता है, जो हमारी कोशिकाओं में जेनेटिक मैटेरियल होता है। हमारा शरीर विटामिन बी12 खुद नहीं बनाता है, इसलिए यह विटामिन-पीने की कमी से प्राप्त होता है। इसमें मीट, डेनमार्क और अंडे सहित पशु उत्पाद पाए जाते हैं। यह फोर्टी आर्किटेक्चरल यीस्ट जैसे- सीरियल्स, बेडरी और वाइट्रेशनल यिस्ट भी पाए जाते हैं। फ़्रिज को प्रतिदिन 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन बी12 की आवश्यकता होती है।

क्लीवलैंड के कलाकार रिपोर्ट के अनुसार विटामिन बी12 की कमी तब होती है, जब आपके शरीर को विटामिन बी12 से विटामिन बी12 नहीं मिल रहा है या विटामिन बी12 आपके शरीर में सही तरीके से एब्सॉर्ब नहीं हो रहा है। विटामिन बी12 एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए भी जरूरी है। ऐसे में इस विटामिन की कमी को पूरा नहीं किया जाना चाहिए। विटामिन बी12 की कमी से लोगों को फिजियोलॉजी, साइकोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल रसायन खराब हो सकते हैं। लंबे समय तक इसमें विटामिन की कमी से गंभीर कमी पैदा हो सकती है।

विटामिन बी12 की कमी के क्या हैं बड़े संकेत

-विटामिन बी12 की कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण कम हो जाता है, जिससे विटामिन बी12 की कमी हो सकती है। इसके कारण लोगों को अत्यधिक थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होने लगती है।

– इस विटामिन की कमी से हमारे तंत्रिका तंत्र पर काफी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे हाथ-पैरों में झुनझुनी, कमजोरी या कमजोरी की समस्या हो सकती है। लोगों को हाथ-पैरों में संवेदनाओं में भिन्नता महसूस हो सकती है।

– विटामिन बी12 की कमी से स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। इस कंडीशन में अवसाद, अंजयति या भूलने जैसे संकेत नजर आने लगे हैं। इसके अलावा विटामिन बी12 की कमी से पेट में जलन, दस्त या अपच जैसी पाचन क्षति हो सकती है।

-इस विटामिन की कमी का असर त्वचा और बालों पर भी देखा जा सकता है। विटामिन बी12 की कमी से त्वचा का रंग पुराना हो जाता है और सूजन या चकत्ते का नुकसान हो सकता है। बाल ख़राब होना भी इस विटामिन की कमी का एक संकेत है।

– विटामिन बी12 की कमी से शरीर में होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा विटामिन की कमी से लिवर की कार्यक्षमता पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

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