सेहत – डिप्रेशन होने पर नजर आते हैं ये शुरुआती लक्षण, देश के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख ने आरक्षण के लिए दी ये सलाह

अवसाद के लक्षण: अधिकांश लोग घर-परिवार, वर्कशॉप, आर्थिक परेशानी आदि समस्याओं से जूझते हैं। विशेष रूप से, वर्कशॉप कल्चर आज के समुद्र तट का इतना हेक्टिक हो गया है कि लोगों को खुद के लिए सार्वभौम से जीने का खाली समय ही नहीं मिलता है। ऑफिस के साथ ही घर हो या कहीं भी बाहर होने पर भी दिमाग सिर्फ काम के बारे में ही सोचता है। सभी कर्मचारियों से लोगों में तनाव, चिंता, अवसाद जैसे मानसिक विकार शुरू हो गए हैं। पूर्वस्कूली से जानें अवसाद के लक्षण और उपचार के बारे में…

क्या है अवसाद? (अवसाद क्या है)

फोर्टिस हॉस्पिटल के मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख कहते हैं कि अवसाद एक मानसिक बीमारी है. दुनिया में 28 करोड़ लोग अवसाद का शिकार हैं। इस मेंटल से प्रभावित लोगों को लगता है कि उनका जीवन नीरस, अधूरा और दिशाहीन हो गया है। तनाव, अवसाद ने ज्यादातर लोगों की जिंदगी को अंधकारमय कर दिया है। अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए तो इसके कई गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किसी व्यक्ति को मानसिक तनाव जैसे तनाव, अवसाद की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे लोगों को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। कई बार लोगों को पता ही नहीं चला कि वह अवसाद से पीड़ित हो रहे हैं।

डॉ. समीर पारिख कहते हैं कि अवसाद के प्रारंभिक लक्षण (अवसाद के लक्षण) बहुत ही सामान्य प्रकृति के होते हैं, इसी कारण अधिकांश लोग इसे अवसाद कर देते हैं। काम में मन न लगना, जीवन दिशा और उद्देश्य हीन लगना, ऐसा महसूस होना कि सब कुछ खत्म हो गया है। मूड में अचानक बदलाव, अवसाद की स्थिति में आने के बाद पहले पसंद आने वाली चीजें अच्छी नहीं लगतीं। लगातार थकान महसूस होना, एकाग्रता में कमी महसूस होना, एकाग्रता में कमी महसूस होना, एकाग्रता में कमी महसूस होना, खुद को एकाग्रता में कमी महसूस होना, भविष्य में थकान महसूस होना जैसे लक्षण अवसाद में नजर आते हैं।

लोग अक्सर तनावग्रस्त पर खुद को अलग-अलग तरह से समझ लेते हैं। उन्हें लगता है कि वह अब किसी काम के लिए नहीं बचे हैं। ऐसे लक्षण आपको किसी लेबनानी, परिवार के सदस्य या फिर दोस्त में दो सप्ताह से अधिक नजर आए तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।

अवसाद से मुक्ति का उपाय

डॉ. पारिख कहते हैं कि तनाव से मुक्ति पाने के लिए सबसे पहले आप ये बात समझेंगे कि ये एक मानसिक बीमारी है. इसका इलाज भी संभव है, लेकिन जितना जल्दी आप मनोचिकित्सक की सलाह ले लें, उतना ही जल्दी इसका इलाज संभव है। जो भी इलाज करते हैं, उनके बारे में सुझावों में उन्हें अपने जीवन में लागू करने के सही तरीकों से जरूर बताएं। इसमें कुछ औषधियों का भी सेवन किया जा सकता है। इससे भी काफी फायदा होता है.

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