सेहत – पत्तागोभी खाने से दिमाग में क्या घुस सकता है? क्या है हकीकत, डॉक्टर ने बताई कट्टरपंथियों वाली बात

क्या पत्तागोभी खाना खतरनाक है: पत्तागोभी को स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है, क्योंकि इसमें विटामिन, पदार्थ सहित पोषक तत्व मौजूद होते हैं। पत्तागोभी को ठंड के मौसम में खूब खाया जाता है, लेकिन इसे लेकर लोगों के दिमाग में सवाल भी कई होते हैं। कई लोग पत्तागोभी खाने से बचाए जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता होता है कि पत्तागोभी में खतरनाक कीटाणु छिपे होते हैं, जो शरीर में घुस सकते हैं। यह बात सच भी है, क्योंकि पत्तागोभी में खतरनाक टेपवर्म (फीता कृमि) छुप गया हो सकता है और यह शरीर में डायरिया ब्रेन तक पहुंच जाए, तो मौत की वजह बन सकता है। अब सवाल है कि दिमाग तक किस तरह का पत्ता गोभी का कीड़ा खुलता है और इससे बचने का क्या तरीका है। इस बारे में न्यूरोलॉजिस्ट से सच्चाई जानने की कोशिश की जाती है।

मेट्रो हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार ने News18 को बताया कि पत्तागोभी सहित कई बुनियादी टेपवर्म से छापे हो सकते हैं। यह टेपवर्म आम तौर पर ब्लॉग में पाया जाता है और उसके मल से मिट्टी में पाया जाता है। यह मिट्टी की दीवार और अन्य खाद्य-पीन की नीवे पर लग जाए, तो इससे टेपवर्म की दुकान तक पहुंचा जा सकता है। इन हॉलों को कच्चा या अच्छी तरह से साफ-सुथरा चाकू खाने वाले टेपवर्म शरीर में घुसाया जा सकता है। सिर्फ पत्तागोभी को टेपवर्म से जोड़ना गलत है। खाने-पीने की कोई भी चीज टेपवर्म से खराब हो सकती है। हालाँकि पत्तागोभी सहित अन्य प्लास्टर को अच्छी तरह से सासा बनाकर प्याज़ दिया जाए, तो टेपवर्म मर जाता है और इससे खाने से स्वास्थ्य को खतरा नहीं होता है। इससे बचने के लिए साफ-सफाई और सही तरह की कुकिंग जरूरी है।

मनोवैज्ञानिकों की राय तो टेपवर्म डॉक्टर-पीन की नीव से शरीर में प्रवेश कर सकती है। इसके बाद यह कीड़ा लोगों के मस्तिष्क में रहता है और इसकी जड़ें लोगों के मस्तिष्क तक पहुंचती हैं। इससे न्यूरोसिसटेकिरोसिस नामक कंडीशन पैदा होता है। टैपवार्म शरीर और मस्तिष्क में पहुंच के बाद भी कई बार लोगों को इसका पता नहीं चलता है और धीरे-धीरे आपका डीजेनेरेट खत्म हो जाता है या कैल्शियम के रूप में ले जाता है। हालाँकि कभी-कभी सैकड़ों टेपवर्म मस्तिष्क में जमा हो सकते हैं, जिससे सिरदर्द, मिर्गी के दौरे और मस्तिष्क में सूजन की समस्या हो सकती है। यदि यह कंडीशन गंभीर हो जाए, तो रोगी कोमा में जा सकता है या मृत्यु भी हो सकती है। हालाँकि ब्रेन में सैकड़ों टेपवर्म के मामले रेयर होते हैं।

किन मामलों में है सर्जरी की जरूरत?

फ़ुर्ती के सर्वोदय हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन डॉ. गौरव केसरी के अनुसार जब टेपवर्म का सिस्ट ब्रेन तक पहुंच जाता है और उसका आकार बहुत बड़ा नहीं होता है और उस व्यक्ति को ज्यादा परेशानी नहीं हो रही होती है, तो सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे मामलों में औषधियों द्वारा टैपवार्म की प्रणाली को समाप्त कर दिया जाता है। हालाँकि अगर बीमारी का आकार बड़ा हो या समस्या गंभीर हो, तो सर्जरी के माध्यम से इसे हटाया जा सकता है। लेकिन ज्यादातर मामलों में सर्जरी से बचने की कोशिश की जाती है।

गोभी को साफ करने का सही तरीका क्या है?

सिद्धांत के अनुसार पत्तागोभी का सेवन करते समय यह जरूरी है कि इसे अच्छे से धोकर साफ किया जाए। इसके बाद पत्तागोभी को अच्छे से पकाकर ही इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि टैपवार्म जैसी जरूरतों से बचा जा सके। सोशल मीडिया पर पत्तागोभी से जुड़ी कई गलत जानकारी मौजूद है, लेकिन सच तो यह है कि यह हर-पीने की चीज को अच्छी तरह से धोकर पकाना चाहिए, कागज वह पत्तागोभी हो या कोई और सब्जी। बाहर के खाने वालों को भी एडिटोहाइड्रेट होना चाहिए, सिगरेट से जब गंदगी या संक्रमण का खतरा हो। अगर किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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